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केसीआर की महाराष्ट्र में हुंकार, कहा संसद भवन का नाम डॉक्टर अंबेडकर पर रखा जाए

केसीआर ने कहा कि भारतवर्ष अपने लक्ष्य से भटक गया है. बिना लक्ष्य का देश कहां पहुंचता है, यह प्रश्न हमारे सामने है. केसीआर ने कहा कि संविधान 70 साल पहले लागू हुआ, कई दल जीते, हारे, सरकारें बदलीं लेकिन आज तक दलितों का गरीब होना हम सबके लिए शर्म की बात है. इस स्थिति में परिवर्तन होना चाहिए.

रैली की संबोधित करते KCR रैली की संबोधित करते KCR
कुमार कुणाल
  • औरंगाबाद,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:31 AM IST

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के छत्रपतिसंभाजी नगर (औरंगाबाद) में सोमवार को आयोजित रैली को संबधित करते हुए कहा कि महान देश भारत अपना लक्ष्य खो बैठा है. अगली सरकार बीआरएस की बनेगी, फिर बड़े स्तर पर राष्ट्रीयकरण होगा. सीधी ऊंगली से घी नहीं निकले तो उंगली टेढा करना होगा. डिजिटल इंडिया मजाक बन गया है. महाराष्ट्र में बीआरएस सरकार बनाइए तो प्रत्येक घर में पेय जल व्यवस्था की जाएगी. सभी शेतकारी को इकट्ठा होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द बीआरएस का स्थाई कार्यालय महाराष्ट्र में खुलेगा.

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'भारतवर्ष अपने लक्ष्य से भटक गया है'
केसीआर ने कहा कि भारतवर्ष अपने लक्ष्य से भटक गया है. बिना लक्ष्य का देश कहां पहुंचता है, यह प्रश्न हमारे सामने है. हमें नई उमंग से आगे बढना है. केसीआर ने कहा कि प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि दिल्ली में जो संसद भवन बना है, उसका नाम बीआर अंबेडकर के नाम पर रखा जाना चाहिए.

'महाराष्ट्र सरकार दलितबंधु योजना शुरू करे तो हम महाराष्ट्र छोड़ देंगे'
मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि अपनी जाति किसान जाति होना होना चाहिए. महाराष्ट्र सरकार दलितबंधु योजना शुरू करे तो हम महाराष्ट्र छोड़ देंगे. दलितबंधु योजना के तहत दलित युवा को रोजगार शुरू करने दस लाख रूपए दिए जाते हैं, यह राशि वापस नहीं ली जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना सरकार प्रत्येक किसान को दस हजार रूपए प्रति एकड़ देती है तो महाराष्ट्र सरकार यह योजना भी लागू कर सकती है.

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बिजली का निजीकरण क्यों हो रहा है? 
केसीआर ने कहा कि बीआरएस की सरकार बनने पर राष्ट्रीयकरण किया जाएगा. बिजली का निजीकरण क्यों हो रहा है? देश में डेढ सौ वर्ष तक चौबीस घंटे बिजली देने के लिए पर्याप्त कोयला देश में उपलब्ध है. बिजली का निजीकरण क्यों हो रहा है? यह किसकी जागीर है? किसानों को जितना पानी मिलना चाहिए, पर्याप्त पानी उपलब्ध है. लेकिन सिंचन और पीने के पानी के लिए बहते जल को रोकना होगा. जिंबाबवे में साढे छह हजार टीएमसी का जलाशय है, हमारे देश में कम से कम चार ऐसे जलाशय होने चाहिए.

केसीआर ने अपने संबोधन में कहा कि संभाजीनगर और अकोला में आठ दिन में एक बार पानी आता है. महाराष्ट्र में दर्जनों नदियां हैं. वित्तीय राजधानी मुंबई है, लेकिन लोगों को पीने का पानी नहीं है. देश में जातिवाद धर्मवाद बढ रहा है. अमीर ज्यादा अमीर बन रहे हैं, गरीब ज्यादा गरीब हो रहे हैं. देश में नेहरू के जमाने में नीति बनी, फिर कोई नीति नहीं बनी. तेलंगाना चौबीस घंटे बिजली दे रहा है तो महाराष्ट्र क्यों नहीं. चीन पिछड़ा था, अब पूरे विश्व को कमांड कर रहा है. कोरिया और सिंगापुर आगे जा चुके हैं. नए जंग से भारत को बदल सकते हैं.  

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सोमवार की रैली में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ सांसद के केशव राव, जोगिनापल्ली संतोष कुमार, के केशव राव, रंजीथ रेड्डी, एमएलसी मधुसूदनाचारी, देशपति श्रीनिवास, पूर्व मंत्री कदियम श्रीहरि, विधायक बालकासुमन, पूर्व मुख्यसचिव सोमेश कुमार, हर्षवर्धन जाधव और अभय पाटिल रैली में शामिल हुए.

'भारत में परिवर्तन आवश्यक है'
केसीआर ने कहा कि संविधान 70 साल पहले लागू हुआ, कई दल जीते, हारे, सरकारें बदलीं लेकिन आज तक दलितों का गरीब होना हम सबके लिए शर्म की बात है. इस स्थिति में परिवर्तन होना चाहिए. किसानों को तेरह महीने संघर्ष करने के बाद ही कानून निरस्त हो पाया. देश को उच्चगुणवत्ता वाला परिवर्तन होना चाहिए. इस देश में रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं, महाराष्ट्र मे किसान आत्महत्या कर रहे हैं. इसलिए भारत में परिवर्तन आवश्यक है.
 

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