
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मानहानि मामले (Defamation Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है. उन्होंने एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की बॉम्बे हाई कोर्ट से याचिका रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका फाइल की है. जावेद अख्तर ने पिछले साल एक इंटरव्यू को लेकर कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद कंगना मानहानि याचिका को रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गईं, जहां से उन्हें करारा झटका लगा. हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को रद्द कर दिया.
जावेद अख्तर ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की है, ताकि यदि कंगना रनौत बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करती हैं तो कोर्ट कोई भी फैसला या आदेश देने से पहले उनका भी पक्ष सुने. बता दें कि जावेद अख्तर ने अंधेरी कोर्ट में कंगना के खिलाफ मानहानि केस दायर किया था.
बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे की बेंच ने कोर्ट के रिकॉर्ड को खंगाला और कहा कि मजिस्ट्रेट ने 3 दिसंबर, 2020 को जावेद अख्तर के मामले में कर्रवाई की थी. इसके बाद, उन्होंने शिकायत को संबंधित पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को जांच के लिए भेजा. जस्टिस मोहिते डेरे ने कहा, "यह अच्छी तरह से तय है कि एक मजिस्ट्रेट शिकायतकर्ता की जांच के बाद, अगर वह ठीक समझे तो प्रक्रिया जारी करने को स्थगित कर सकता है, जैसा कि वर्तमान मामले में किया गया है."
मजिस्ट्रेट के पास होते हैं तीन विकल्प
नियमानुसार दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-202 के तहत मजिस्ट्रेट के पास तीन विकल्प उपलब्ध होते हैं. वह या तो स्वयं मामले की जांच कर सकता है या पुलिस को जांच के लिए निर्देश दे सकता है या ऐसे अन्य व्यक्ति को जांच करने का निर्देश दे सकता है जिसे वह उचित समझता है, ताकि यह तय किया जा सके कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं.
पूरा मामला पिछले साल एक्ट्रेस कंगना रनौत द्वारा दिए गए एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू का है. इस इंटरव्यू के बाद जावेद अख्तर ने अंधेरी कोर्ट का रुख करते हुए कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि केस दायर किया था और कहा था कि जो भी एक्ट्रेस ने उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं, उससे उनकी मानहानि हुई है.