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Karnataka Hijab Row: आदित्य ठाकरे बोले- स्कूल कॉलेज शिक्षा का केंद्र, इनमें धार्मिक चीजों को नहीं लाना चाहिए

कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक लिबास हिजाब पर रोक के आदेश के बाद बवाल मचा हुआ है. विवाद कर्नाटक और वहां के स्कूलों-कॉलेजों से होते हुए देश के बाकी हिस्सों में पहुंच गया है. इसपर अब विभिन्न पार्टियों के राजनेता भी आमने-सामने हैं. दिल्ली-मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

आदित्य ठाकरे ने कहा- स्कूलों में यूनिफॉर्म के अलावा किसी और चीज को जगह नहीं देनी चाहिए आदित्य ठाकरे ने कहा- स्कूलों में यूनिफॉर्म के अलावा किसी और चीज को जगह नहीं देनी चाहिए
aajtak.in/रवीश पाल सिंह
  • मुंबई,
  • 09 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST
  • कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक लिबास हिजाब पर रोक के आदेश के बाद मचा बवाल
  • आदित्य ठाकरे ने कहा, स्कूल में यूनिफॉर्म की जगह किसी और चीज को जगह नहीं देनी चाहिए

कर्नाटक में हिजाब को लेकर जारी विवाद पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. आदित्य ठाकरे ने कहा, स्कूल कॉलेज शिक्षा का केंद्र हैं, इनमें सिर्फ शिक्षा दी जानी चाहिए. यहां धार्मिक या अन्य तरह की चीजें नहीं लानी चाहिए. 

आदित्य ठाकरे ने कहा, स्कूलों में जहां जहां यूनिफॉर्म है, वहां यूनिफॉर्म के अलावा किसी और चीज को जगह नहीं देनी चाहिए. स्कूल कॉलेज शिक्षा का केंद्र हैं, वहां सिर्फ शिक्षा ही दी जानी चाहिए. स्कूल कॉलेजों में राजनीतिक, धार्मिक या इस तरह की किसी चीज को नहीं लाना चाहिए. उन्होंने कहा, शिवसेना की भूमिका स्कूलों में बस उत्तम शिक्षा की व्यवस्था करना है. इसी बीच एबीवीपी ने साफ किया है कि उन्होंने अनिवार्य ड्रेस कोड वाले स्कूलों या जूनियर कॉलेजों में छात्रों के हिजाब, बुर्का या भगवा शॉल पहनने के मुद्दे पर कोई अभियान नहीं चलाया है. 

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कर्नाटक सरकार ने राज्य में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से अब सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. 

पूरे देश में छिड़ा विवाद

कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक लिबास हिजाब पर रोक के आदेश के बाद बवाल मचा हुआ है. विवाद कर्नाटक और वहां के स्कूलों-कॉलेजों से होते हुए देश के बाकी हिस्सों में पहुंच गया है. इसपर अब विभिन्न पार्टियों के राजनेता भी आमने-सामने हैं. दिल्ली-मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

राजनीतिक दलों ने भी जताया विरोध

हिजाब विवाद पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि महिलाएं चाहें बिकनी पहनें, घूंघटे करें या हिजाब पहनें, यह पूरी तरह से उनकी मर्जी है. वहीं, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी हिजाब मसले पर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा कि किसी को ये नहीं कह सकते हैं कि क्या खाना है और क्या पहनना है. उन्होंने केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के तीन-चार जजमेंट की बात करते हुए कहा कि एक लड़की कई सालों से हिजाब पहन रही है, अचानक आपको इसपर रोक लगाने का ख्याल कैसे आ गया? अचानक नोटिफिकेशन कैसे जारी हो गया? 

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स्कूलों में हिजाब पर विवाद बढ़ने के बाद एमपी के शिक्षा मंत्री ने यू-टर्न लिया 

शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया. उन्होंने कहा, किसी भी तरह का नया ड्रेस कोड लागू नहीं किया जाएगा. क्लास में समानता के लिए उन्होंने ड्रेस कोड की बात कही थी. उन्होंने कहा, जो व्यवस्था चल रही है वो चलती रहेगी. इससे पहले मंगलवार को इंदर सिंह परमार ने कहा था, सरकार नए ड्रेस कोड को लागू करने वाली है और इसपर काम चल रहा है. इसके साथ उन्होंने हिजाब को घर और बाजार में पहनने की बात कही थी और स्कूल में ड्रेस कोड में आने के लिए कहा था. 


 

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