Advertisement

आंखों में लाल मिर्च पाउडर डाला, फिर लोहे की रॉड से पीटते रहे... 3000 रुपये के लिए दलित की हत्या

लातूर जिले में एक साहूकार ने 48 वर्षीय दलित व्यक्ति को अपने रिश्तेदार से साथ मिलकर मौत के घाट उतार डाला. वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि दलित व्यक्ति ने उससे ब्याज पर 3000 रुपये लिये थे और वह उसकी EMI नहीं चुका पाया था. फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में कार्रवाई जारी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.
aajtak.in
  • लातूर,
  • 07 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST

महाराष्ट्र के लातूर जिले में कर्ज ना चुका पाने के चलते 48 साल के दलित व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई. मामला लातूर के रेनापुर इलाके का है. जानकारी के मुताबिक, गिरिधर तबकाले ने साहूकार लक्ष्मण मार्कंड से ब्याज पर 3000 रुपये का कर्ज लिया था. लेकिन आर्थिक हालात अच्छे न होने के कारण वह ब्याज की EMI नहीं चुका पाया.

Advertisement

इसके चलते साहूकार ने गिरिधर से 23 मई के दिन मारपीट की. और धमकी भी दी कि यदि उसने कर्ज नहीं चुकाया तो वह उसे मार डालेगा. गिरिधर ने इसकी सूचना पुलिस को दी. लेकिन पुलिस ने भी मामले को हल्के में लिया और साहूकार के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया.

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 23 मई को हुए झगड़े को लेकर गिरीधर ने इसकी सुचना स्थानीय पुलिस को दिया था, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर इसमें कोई मामला दर्ज नहीं किया था.

साहूकार को जब पता चला कि गिरिधर उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाने थाने गया था तो वह बौखला गया. उसने गिरिधर को जान से मार डालने का प्लान बनाया. फिर अपने एक रिश्तेदार प्रशांत के साथ 2 जून को अचानक वह गिरिधर के घर आ धमका. दोनों ने गिरिधर की आंखों में लाल मिर्च का पाउडर डाल दिया.

Advertisement

इलाज के दौरान दलित व्यक्ति ने तोड़ा दम
फिर दोनों ने मिलकर उसे नीचे गिराया और छाती और टांगों पर लात मारनी शुरू कर दी. फिर लोहे की रॉड से भी उस पर जानलेवा हमला किया. गिरिधर चाहकर भी अपना बचाव न कर पाया और गंभीर रूप से घायल हो गया. परिवार वालों ने गिरिधर तबकाले को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

सवालों के घेरे में पुलिस
घटना की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया की गिरिधर की हत्या के आरोप में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले की जांच जारी है. वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस भी घिरती नजर आ रही है. अगर गिरिधर 23 मई को थाने पहुंचा था रिपोर्ट लिखवाने, तो पुलिस ने मामला दर्ज क्यों नहीं किया?

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement