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सर्जरी के दौरान महिला के पेट में ही रह गई ये चीज... चार महीने बाद सीटी स्कैन कराया, तब खुला राज

महाराष्ट्र के लातूर जिले (Maharashtra Latur) के औसा शहर में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर और नर्स की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में ब्लड साफ करने वाला कपड़ा छोड़ दिया. इस घटना के चार महीने बाद महिला को पेट में तेज दर्द होने लगा, जिससे डॉक्टरों की गंभीर गलती उजागर हुई.

सर्जरी के दौरान मरीज के पेट में रह गया कपड़ा. (Representational image) सर्जरी के दौरान मरीज के पेट में रह गया कपड़ा. (Representational image)
अनिकेत जाधव
  • लातूर,
  • 11 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST

महाराष्ट्र के लातूर (Maharashtra Latur) में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही सामने आई है. यहां सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान ब्लड साफ करने वाला कपड़ा महिला के पेट में ही छूट गया. चार महीने बाद जब महिला के पेट में दर्द शुरू हुआ तो उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां सीटी स्कैन में ये बात सामने आई. महिला के पति ने इस मामले की शिकायत अस्पताल की इंचार्ज से की. इसके बाद जांच समिति गठित की गई. जांच रिपोर्ट के बाद डॉक्टर और नर्स को अस्थाई रूप से सस्पेंड कर दिया गया है.

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जानकारी के अनुसार, यह मामला लातूर के औसा शहर के सरकारी अस्पताल का है. औसा सिविल अस्पताल की इंचार्ज संगीता पाटिल ने कहा कि धाराशिव जिले के मूरूम गांव की रहने वाली एक महिला प्रसव पीड़ा के चलते औसा के सरकारी अस्पताल में 12 अप्रैल 2024 को भर्ती हुई थी. पेशेंट के ब्लड प्रेशर को बढ़ता देख डॉक्टर की टीम ने सिजेरियन ऑपरेशन करने का निर्णय लिया था. इसके चलते 13 अप्रैल को सिजेरियन ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के बाद इस महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

यह भी पढ़ें: राजस्थान: कोटा के सरकारी अस्पताल में लापरवाही, ICU में भर्ती महिला मरीज के आंखों को चूहे ने कुतरा

इसके  बाद 2 मई 2024 को महिला पेट दर्द की शिकायत लेकर औसा सिविल अस्पताल आई. उस वक्त जांच करने पर सिजेरियन ऑपरेशन के बाद लगाए गए स्टीचेस न सूखने की वजह से हमने महिला को लातूर के सरकारी अस्पताल भेज दिया था, जहां 20 दिन तक ट्रीटमेंट चलता रहा. इसके बाद फिर से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन लगभग चार महीने बाद इस महिला के पति ने कंप्लेंट की है. इसमें लिखा है कि औसा के सरकारी अस्पताल में जब उसकी पत्नी का सिजेरियन ऑपरेशन किया गया था, उस दौरान ब्लड क्लिन करने वाला कपड़ा उसके पेट में ही रह गया था. 

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इस बात की जानकारी तब मिली, जब धाराशिव जिले के उमरगा के एक निजी अस्पताल में पेट दर्द की समस्या होने पर सीटी स्कैन कराया. महिला के पति ने कहा कि मेरे पास एक्स-रे और डाक्यूमेंट्स हैं. इसीलिए औसा के सिविल अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और नर्स पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

सिविल अस्पताल की इंचार्ज ने कहा कि शिकायत मिलने के मिलने के बाद हमने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और नर्स स्टाफ के खिलाफ जांच समिति गठित की थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर और नर्स को अस्थायी रूप से सस्पेंड किया है. पीड़ित महिला के पति ने कहा कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और नर्स को अस्थाई रूप से निलंबित किया गया है, लेकिन मेरी मांग है कि उन्हें स्थाई रूप से सस्पेंड किया जाए, ताकि इस तरह से किसी भी महिला की जान के साथ आगे खिलवाड़ न हो.

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