
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद भाजपा के नेता दलितों और अल्पसंख्यकों में 'संविधान विरोधी' भावनाओं से निपटने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वे कांग्रेस पर विदेशी धरती पर 'आरक्षण विरोधी' एजेंडा चलाने का आरोप लगा रहे हैं. अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा आरक्षण पर की गई हालिया टिप्पणी ने भारत में भारी हंगामा मचा दिया है. इसके कारण महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और उनके इस बयान की निंदा की.
दरअसल, अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया था. उनसे पूछा गया था कि देश में जाति के आधार पर आरक्षण कब तक जारी रहेगा? इस पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी. फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं.
इसको लेकर भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार और एमएलसी पंकजा मुंडे ने घाटकोपर के रमाबाई नगर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिसे मुंबई में दलित मतदाताओं का गढ़ माना जाता है.
आशीष शेलार ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को चुनाव में हराया और हमारे देश के राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी उम्मीदवार का भी विरोध किया. शेलार ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस की अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. इसके अलावा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पात्र किरायेदारों को वैकल्पिक आवास के किराए के चेक देने और रमाबाई नगर की लंबे समय से लंबित झुग्गी पुनर्विकास परियोजना को शुरू करने के लिए उसी स्थान पर एक कार्यक्रम आयोजित किया.
क्षेत्र में बीजेपी के विरोध में थे लोग
बता दें कि 1997 में तत्कालीन शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान रमाबाई नगर में डॉ. अंबेडकर की एक मूर्ति के अपमान की प्रतिक्रिया में दलित कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस गोलीबारी में दस स्थानीय लोगों की मौत के निशान अभी भी ताजा हैं. नतीजतन, समुदाय गठबंधन से दूर हो गया और 1999 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस-एनसीपी को वोट दिया.
वर्तमान राजनीतिक क्षेत्र में जातिगत समीकरण की पेचीदगियों को ध्यान में रखते हुए भाजपा को दलितों और अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
राजनीतिक विशेषज्ञ अभिजीत ब्रह्मनाथकर ने कहा कि लोकसभा में विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ 'संविधान विरोधी' होने का एक सूक्ष्म आख्यान स्थापित किया था, जिसके कारण भाजपा को पूरे देश में एससी और एसटी सीटों पर भारी नुकसान उठाना पड़ा.
'राहुल गांधी की टिप्पणी बीजेपी के लिए रोशनी की किरण'
अभिजीत ब्रह्मनाथकर ने कहा, 'अब भाजपा को आरक्षण पर राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी में नई रोशनी की किरण दिखाई दे रही है, जिसने कांग्रेस की कथित 'आरक्षण विरोधी' भावनाओं को जन्म दिया. इस प्रकार, वे आगामी विधानसभा चुनावों में दलित और आदिवासी समुदायों को कांग्रेस के खिलाफ खड़ा करने के लिए इस भावना को 'आरक्षण विरोधी' बनाम 'संविधान विरोधी' के रूप में भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि अगर हम राज्य में हाल के लोकसभा परिणामों पर नज़र डालें, तो भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को एससी/एसटी आरक्षित नौ में से आठ सीटों पर झटका लगा है. कांग्रेस ने अमरावती, सोलापुर, लातूर में भाजपा के खिलाफ जीत हासिल की, जबकि उद्धव ठाकरे गुट के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शिंदे सेना के खिलाफ शिरडी और मुंबई दक्षिण मध्य अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की.
इसी तरह, राज्य की अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों में से कांग्रेस ने नंदुरबार और गढ़चिरौली सीटें भाजपा के खिलाफ जीतीं, जबकि शरद पवार गुट के नेतृत्व वाली एनसीपी ने डिंडोरी में भाजपा के खिलाफ जीत हासिल की. हालांकि, भाजपा ने पालघर की एक एसटी सीट पर यूबीटी सेना के उम्मीदवार के खिलाफ जीत हासिल की.
कांग्रेस ने बीजेपी पर किया पलटवार
इस बीच, कांग्रेस मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने भी राहुल गांधी को भाजपा द्वारा जान से मारने की धमकी दिए जाने के विरोध में मुंबई में प्रदर्शन किया. उन्होंने दोहराया कि भाजपा संविधान विरोधी है और कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी होने का झूठा आरोप लगाकर अल्पसंख्यकों का मोहभंग करने की कोशिश कर रही है. साथ ही, यूबीटी सेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद से भाजपा बेचैन और बेचैन हो गई है, जबकि लोग राहुल गांधी के समर्थन में उत्साहित हैं. अब भाजपा राहुल गांधी को आरक्षण विरोधी बताकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है, जबकि भाजपा नेता खुद संविधान बदलने जैसी टिप्पणी कर चुके हैं. जनता सब देख रही है, आने वाले चुनाव में उनका सफाया हो जाएगा.