
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के दावे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. परमबीर के आरोपों पर शिवसेना ने पलटवार किया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में सोमवार को लिखा कि सरकार को परेशानी में डालने के लिए परमबीर सिंह का कोई इस्तेमाल कर रहा है क्या?
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, 'परमबीर सिंह को थोड़ा संयम रखना चाहिए था, उस पर सरकार को परेशानी में डालने के लिए परमबीर सिंह का कोई इस्तेमाल कर रहा है क्या? ऐसी शंका भी है, असल में जिस सचिन वाजे के कारण ये पूरा तूफान खड़ा हुआ है, उन्हें इतने असीमित अधिकार दिए किसने? सचिन वाजे ने बहुत ज्यादा उधम मचाया, उसे समय पर रोका गया होता तो मुंबई पुलिस आयुक्त पद की प्रतिष्ठा बच गई होती.'
शिवसेना ने आरोप लगाते हुए कहा, 'देवेंद्र फडणवीस दिल्ली जाकर मोदी-शाह को मिलते हैं और दो दिन में परमबीर सिंह ऐसा पत्र लिखकर खलबली मचाते हैं, उस पत्र का आधार लेकर विपक्ष जो हंगामा करता है, यह एक साजिश का ही हिस्सा नजर आता है, महाराष्ट्र में विपक्ष ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का निरंकुश इस्तेमाल शुरू किया है.'
शिवसेना का कहना है, 'महाराष्ट्र जैसे राज्य के लिए ये उचित नहीं है, एक तरफ राज्यपाल राजभवन में बैठकर अलग ही शरारत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से दबाव का खेल खेल रही है.'
बता दें कि एंटीलिया केस में मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे पर कार्रवाई की गई है. इसी मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला भी कर दिया गया. इस तबादले के बाद परमबीर सिंह का एक पत्र वायरल हुआ था. इसमें दावा किया गया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूलने का टारगेट दिया था.
पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के इस दावे के बाद महाराष्ट्र में नया सियासी संग्राम छिड़ गया है. महाराष्ट्र में विपक्ष की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार फिर शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर हमला बोला है. इसके साथ ही अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है.