
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार को सरकार ने नागपुर से मुंबई आने के लिए सरकारी विमान उपलब्ध कराया है. इसकी वजह से महाराष्ट्र में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. इसको लेकर अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें सरकारी विमान उपलब्ध कराया है क्योंकि उन्हें नागपुर विधानभा में व्यापार सलाहकार समिति (BAC) की बैठक में शामिल होने के लिए इंतजार करने के लिए कहा गया था.
इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए पवार ने कहा, "बीएसी की बैठक आज निर्धारित थी. मुझे अनिल देशमुख से मिलने के लिए मुंबई जाना था क्योंकि उन्हें आज रिहा किया जा रहा है. सीएम ने मुझे बीएसी में शामिल होने के लिए कहा और कहा कि वह मुझे और दिलीप वात्से को सरकारी विमान उपलब्ध कराएंगे." विपक्ष के नेता के रूप में, मेरे पास एक कैबिनेट मंत्री रैंक है और मैं इसका उपयोग करने का हकदार हूं. मैं दोपहर में मुंबई जाऊंगा और फिर वापस भी आ जाऊंगा."
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख को आज मुंबई की आर्थर रोड जेल से रिहा किया जाएगा. अजीत पवार के मुंबई जाकर उनसे मिलने की संभावना है. पवार इस समय शीतकालीन सत्र के लिए नागपुर में हैं और दोपहर एक बजे नागपुर से मुंबई के लिए रवाना होंगे. इसके लिए शिंदे सरकार द्वारा एक विमान उपलब्ध कराया गया है.
बीजेपी नेता बोले- सरकार और विपक्ष के बीच हेल्दी रिलेशनशिप
विपक्ष के नेता के पास कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है. किसी वजह के सत्यापन के बाद ही सरकारी विमान उपलब्ध कराया जाता है. बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि इसे सकारात्मक तरीके से देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "सरकार और विपक्ष के बीच एक हेल्दी रिलेशनशिप होना चाहिए. यह उदाहरण है कि आपसी सम्मान है. मैं एलओपी था, लेकिन एमवीए सरकार ने हमें वह सम्मान नहीं दिया. हमने विपक्ष के नेताओं को बंगले भी दिए हैं.
राज्यपाल को भी नहीं मिला था सरकारी विमान
एमवीए शासन के दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सरकारी विमान से उत्तराखंड के लिए उड़ान भरने की अनुमति से इनकार कर दिया गया. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने इस घटना के लिए राजभवन के अधिकारियों को राज्यपाल को सूचित नहीं करने और उनकी यात्रा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया था.