
महाराष्ट्र में सियासी बदलाव के बाद हुए पंचायत चुनाव के नतीजे में BJP भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन उसे अपने मजबूत गढ़ में हार का मुंह देखना पड़ा है. राज्य में 18 जिलों की कुल 1165 ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजों को देखें तो कांग्रेस-एनसीपी-उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने बीजेपी-एकनाथ शिंदे को पीछे छोड़ दिया है. नागपुर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गृह क्षेत्र है. साथ ही नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय भी है. ऐसे में नागपुर में बीजेपी की हार को एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा.
हालांकि, पंचायत चुनाव पार्टी के सिंबल पर नहीं लड़े जाते हैं, जिसके चलते सही आंकड़े सामने नहीं आते हैं. ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे थे. महाराष्ट्र के 18 जिलों की 1165 ग्राम पंचायतों में रविवार को मतदान हुआ. ठाणे, पालघर, नंदुरबार, नासिक, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, सतारा, कोल्हापुर, भंडारा, गोंदिया, अमरावती, गढ़चिरौली, नागपुर, वाशिम, वर्धा, चंद्रपुर की ग्राम पंचायतों में 75 फीसदी मतदान हुआ.
ठाकरे गुट और शिंद खेमे के लिए लिटमस टेस्ट था ये चुनाव
ग्राम पंचायत के 1165 में से 115 कैंडिडेट निर्विरोध चुन लिए गए थे, जिसके बाद बाकी 1050 ग्राम पंचायत सीटों के नतीजे सोमवार देर शाम घोषित किए गए. महाविकास अघाड़ी का पल्ला भारी रहा तो एनडीए को झटका लगा है. पंचायत चुनाव इसीलिए भी अहम माने जा रहे थे, क्योंकि ये चुनाव शिवसेना के दो धड़ों में बंट जाने के बाद हुआ था. उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंद खेमे के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट माना जा रहा था.
NCP सबसे ज्यादा फायदे में रही
पंचायत चुनाव में महाविकास अघाड़ी और एनडीए दोनों ने जीत का दावा किया है. उपलब्ध संख्या और पार्टियों द्वारा किए गए दावों के अनुसार MVA ने 457 ग्राम पंचायत सीटें जीती हैं. इसमें NCP 155 पंचायत सीटें जीतकर सबसे ज्यादा फायदे में रही है, जबकि उद्धव गुट की शिवसेना को 153 और कांग्रेस को 149 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, बीजेपी और उसके नए साथी एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को कुल 352 सीटें मिली हैं. इसमें बीजेपी को 239 पंचायत सीटों पर जीत मिली है, तो एकनाथ शिंदे खेमे को 113 सीटों पर जीत मिल सकी है. इसके अलावा स्थानीय गठबंधन और अन्य ने 241 पंचायत सीटों पर जीत हासिल की है.
देवेंद्र फडणवीस ने कही ये बात
बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि बीजेपी और शिंदे गठबंधन ने 397 सीटें जीती हैं. उन्होंने कहा, "पंचायत से लेकर संसद तक लोगों का विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में है. पंचायत चुनाव परिणामों से एक बार फिर इस बात की पुष्टि हो गई है.''
क्या कहा एकनाथ शिंदे ने?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी देवेंद्र फडणवीस के सुर में सुर मिलाते नजर आए. शिंदे ने कहा कि हम महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. पंचायत चुनाव में जीत दर्शाती है कि लोगों ने हमें बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाने का जनादेश दिया है.
'महाराष्ट्र की जनता को शरद पवार के नेतृत्व पर भरोसा'
वहीं, एनसीपी ने अपनी जीत के दावे किए. एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र में गहरी जड़ें जमाने वाली पार्टी है. महाराष्ट्र की जनता शरद पवार के नेतृत्व पर भरोसा करती है. यह बार-बार साबित हुआ है और अब परिणामों ने इसे रेखांकित किया है.
बीजेपी के लिए माना जा रहा तगड़ा झटका
पंचायत चुनाव से पहले महाराष्ट्र के नागपुर में पंचायत समिति के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के पदों पर हुए चुनावों में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा. कांग्रेस ने पंचायत समिति की अधिकांश सीटों पर कब्जा जमा लिया है, जबकि बीजेपी पंचायत समिति के अध्यक्ष का एक भी पद नहीं जीत सकी और इन चुनावों में उपाध्यक्ष की केवल तीन सीटें ही पार्टी के खाते में आईं. ऐसे में बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा था. नागपुर जिला बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गृह क्षेत्र है.
जीत के बाद उत्साहित है कांग्रेस
कांग्रेस ने नागपुर में अध्यक्ष के 13 में से 9 और उपाध्यक्ष के 13 में से 8 पदों पर कब्जा जमाया. वहीं, एनसीपी ने अध्यक्ष के 3 पद हासिल किए, जबकि शिवसेना ने अध्यक्ष के एक पद पर जीत दर्ज की. इस जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित नजर आ रही है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस ग्रामीण इकाई के प्रमुख राजेंद्र मुलक ने कहा कि पंचायत समिति के नतीजों ने भाजपा कैडर को निराश कर दिया है, क्योंकि पार्टी को आरएसएस और वरिष्ठ नेताओं के घरेलू मैदान पर हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जीत और हार होती रहती है, लेकिन जिस तरह से वे हारे हैं, उससे पता चलता है कि जिले में भाजपा कैडर की कोई पकड़ नहीं है.
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