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मां की हत्या कर अंग पकाने वाले बेटे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्यों दी जमानत?

यह घटना 21 जुलाई की है. कोल्हापुर के रहने वाले सुनील ने अपनी मां की हत्या कर उसके अंगों को पका दिया था. कोर्ट ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला बताते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई थी.

बॉम्बे हाईकोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट
विद्या
  • मुंबई,
  • 20 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामले में मां की हत्या कर उसके अंगों को पकाने के दोषी शख्स को पुलिस हिरासत में अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की मंजूरी दे दी. 

जुलाई 2021 में कोल्हापुर के सुनील रामा कुचिकोरवी को फांसी की सजा सुनाई थी. बाद में हाईकोर्ट ने भी उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था. जज ने कहा था कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला है जिसने समाज की अंतर्रात्मा ने हिलाकर रख दिया था.

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सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कुचिकोरवी के वकील युग मोहित चौधरी ने कहा कि मां की हत्या के उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल पाया. उनके मुवक्किल ने नशे की हालत में इस वारदात को अंजाम दिया था. 

चौधरी ने कहा था कि हमें हत्या की मंशा का पता नहीं चल पाया है. यहां तक कि उसका परिवर भी सकते में है. वह बेहतरीन शख्स था. उसके खिलाफ अपराध का एक भी मामला दर्ज नहीं था. उसे अक्सर सिरदर्द होता था तो वह शराब पीता था. 

चौधरी ने कहा था कि बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दोषी शख्स को एक हफ्ते की अस्थाई जमानत मिल सकती है. इस पर जस्टिस एएस गडकर और जस्टिस पीडी नाइक की पीठ ने कहा कि वे अस्थाई जमानत देने के इच्छुक नहीं है बल्कि वे दोषी को पुलिस सुरक्षा के साथ शादी में शामिल होने की मंजूरी देंगे.

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जब चौधरी ने यह कहा कि गरीब होने की वजह से दोषी पुलिस सुरक्षा का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होगा. इस पर पीठ ने उसका शुल्का माफ करने पर सहमत हो गई. पीठ ने कहा कि हम दोषी को उसकी बेटी की शादी के लिए तीन दिनों के लिए जेल से बाहर जाने की अनुमति दे रहे हैं. अदालत ने दोषी को 23 से 25 फरवरी शाम छह बजे तक जेल से बाहर जाने की मंजूरी दी. 

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