
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा बस किराए पर लेने के फैसले पर रोक लगा दी है. सीएम ने शिंदे की अगुवाई वाली सरकार के इस फैसले का रिव्यू किया था और फिर बाद में इस पर रोक लगाने का फैसला किया. अभी स्पष्ट नहीं है कि मुख्यमंत्री पिछली सरकार के और भी फैसलों का रिव्यू करेंगे. हालांकि, विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है. विपक्ष ने इस मामले में 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगाए थे.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि इस फैसले में घोटाला हुआ है. हमने रिपोर्ट सुना है कि सीएम ने बस किराए पर लेने के फैसले को खारिज कर दिया है, लेकिन इस बारे में कुछ कन्फर्मेशन नहीं मिली है. विधानसभा में एलओपी दानवे ने कहा, "2022 में एमएसआरटीसी ने तेल समेत 44 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से बस किराए पर लिया था."
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विपक्ष के नेता ने लगाए घोटाले के आरोप
एलओपी अम्बादास दानवे ने कहा, "1,310 बसों की हाइरिंग तेल के बगैर 34.7 रुपये से 35.1 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से की गई थी, और इसको लेकर एक लेटर ऑफ इंटेंट भी साइन किए गए थे. अगर प्रति बस 22 रुपये प्रति किलोमीटर का ही हिसाब लगाया जाए तो प्रत्येक बस प्रति किलोमीटर के हिसाब से 56 से 57 रुपये तक पड़ेगा. पहले के कॉन्ट्रेक्ट के हिसाब से 12-13 रुपये का अंतर है. यह एक घोटाला है."
किन रूट्स पर चलाई जानी थी बसें?
दरअसल, सितंबर 2024 में शिंदे गुट के शिव सेना विधायक भरत गोगावले को एमएसआरटीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. दिसंबर में एमएसआरटीसी ने तीन प्राइवेट कंपनियों के साथ एलओआई (लेटर ऑफ इंटेंट) जारी किए. गौरतलब है कि, संभावित रूप से किराए पर लिए जाने वाले 1310 बसों में 450 बसों को मुंबई-पुणे, 430 बसों को नासिक-छत्रपति संभाजी नगर और 430 बसों को नागपुर-अमरावती रूट पर चलाया जाना था.
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शिंदे सरकार के फैसले के रिव्यू पर क्या बोले बीजेपी मंत्री?
एक नाथ शिंदे सरकार में लिए गए और भी फैसलों के संभावित रिव्यू के एक सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और रेवेन्यू मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "कई फैसले शीर्ष नेतृत्व की जानकारी के बिना लिए जाते हैं. देवेंद्र फडणवीस किसी भी प्रोजेक्ट को नहीं रोकेंगे, लेकिन प्रोजेक्ट की समीक्षा करने में कोई बुराई नहीं है. अगर फैसले में कुछ कमियां हैं तो वह सामने आ जाएंगी. अगर नहीं हैं तो प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी."