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महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का होगा विस्तार, शिवसेना की बढ़ेगी भागीदारी

आगामी विधानसभा सत्र से पहले कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा. शिवसेना और अन्य सहयोगियों को उनकी उम्मीदों के अनुसार जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2019,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में विधानसभा सत्र से पहले विस्तार होगा. सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला किया है. आगामी विधानसभा सत्र से पहले विस्तार किया जाएगा. शिवसेना और अन्य सहयोगियों को उनकी उम्मीदों के अनुसार जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी.

विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी-शिवसेना ने विपक्ष को आगे पटखनी देने के लिए विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. चूंकि सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्याकाल में मंत्रिमंडल में सिर्फ एक मंत्री पद मिलने और पुराना विभाग (भारी उद्योग) देने से कथित तौर पर नाराज हैं, लिहाजा बीजेपी इसकी भरपाई राज्य स्तर पर करने की योजना बना रही है.

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ठाकरे-फडणवीस के बीच महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर चर्चा चल रही है और इसमें सेना से कुछ और मंत्री शामिल किए जा सकते हैं, ताकि दोनों चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतर सकें. फडणवीस ने पूरे आत्मविश्वास के साथ घोषणा भी की है कि बीजेपी-सेना गठबंधन राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से 220 पर जीत हासिल करेग.

अभी हाल में दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जिन तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी उसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल थे. शाह ने इन नेताओं से विधानसभा चुनावों की रणनीति पर बात की. कहा जा रहा है कि दिल्ली में आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी बात हुई. अब देवेंद्र फडणवीस उसी योजना को अमली जामा पहनाने की तैयारी में हैं.

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जानकार सूत्रों का मानना है कि बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना और आरपीआई के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी. कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, इसका फैसला होना बाकी है. महाराष्ट्र में सूखे का संकट गहरा गया है जिसे देखते हुए बीजेपी किसी भी सूरत में अपने सहयोगियों की नाराजगी नहीं मोल ले सकती. इसका संकेत कैबिनेट विस्तार में भी देखा जा सकता है.

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