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एनसीपी में शामिल हुए खडसे बन सकते हैं MLC, राज्यपाल के कोटे से पहुंच सकते हैं विधान परिषद

महाराष्ट्र कैबिनेट राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास उन नामों का प्रस्ताव भेज सकती है, जिन्हें राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद में भेजा जाएगा. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार 12 नामों को राज्यपाल के पास भेज सकती है. बता दें कि महाराष्ट्र की सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी इन्हीं तीन पार्टियों का गठबंधन है.

एनसीपी नेता एकनाथ खडसे (फाइल फोटो) एनसीपी नेता एकनाथ खडसे (फाइल फोटो)
साहिल जोशी
  • मुंबई,
  • 28 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:08 AM IST
  • महाराष्ट्र कैबिनेट 12 नेताओं का नाम राज्यपाल के पास भेज सकती है
  • लिस्ट में एनसीपी नेता एकनाथ खडसे का हो सकता है नाम
  • कांग्रेस की लिस्ट में उर्मिला मातोंडकर का नाम हो सकता है

महाराष्ट्र कैबिनेट राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास उन नामों का प्रस्ताव भेज सकती है, जिन्हें राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद में भेजा जाएगा. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार 12 नामों को राज्यपाल के पास भेज सकती है. बता दें कि महाराष्ट्र की सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी इन्हीं तीन पार्टियों का गठबंधन है.

तीनों ही पार्टियों के 4-4 नेताओं का नाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भेजा जा सकता है. हाल ही में बीजेपी छोड़कर एनसीपी में आए एकनाथ खडसे को भी विधान परिषद भेजा सकता है. वो एनसीपी के कोटे से जा सकते हैं. इसके अलावा राजू शेट्टी को भी विधान परिषद का सदस्य बनाया जा सकता है. वहीं, कांग्रेस की लिस्ट में उर्मिला मातोंडकर का नाम हो सकता है. रोचक बात ये है कि शिवसेना भी उर्मिला के संपर्क में है. 

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बता दें कि महा विकास अघाड़ी में कई ऐसे नेता हैं जो अंसुष्ट बताए जाते हैं. इन असंतुष्ट नेताओं को शांत करने के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट इन्हें राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद में फिट करने की कोशिश में है.

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हाल ही में एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे

बता दें कि एकनाथ खडसे हाल ही में एनसीपी से जुड़े हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे बीते शुक्रवार को एनसीपी में शामिल हुए. उन्होंने पार्टी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी का दामन थामा. एनसीपी से जुड़ने के बाद एकनाथ खडसे बीजेपी पर जमकर बरसे थे.

भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद सरकार से दिया था इस्तीफा

बता दें कि साल 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद एकनाथ खडसे ने देवेंद्र फडणवीस की सरकार से इस्तीफा दिया था. उसी के बाद से ही खडसे का राजनीतिक करियर ढलान पर रहा है. एकनाथ खडसे के समर्थकों का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस के कारण ही उन्हें किनारे किया गया. इसी के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ खडसे को टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद उन्होंने देवेंद्र फडणवीस पर सीधा हमला बोलना शुरू किया. हालांकि, उनकी बेटी रोहिणी को टिकट मिला था, जो कि चुनाव हार गई थीं. 

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