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महाराष्ट्र सरकार पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ली चुटकी, पढ़ें क्या-क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट से फडणवीस सरकार को राहत मिली है. अदालत अब इस मामले में कल यानी मंगलवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी. सोमवार को करीब 2 घंटे इस मामले में अदालत में तीखी बहस चली जिसके बाद अदालत ने इस कल फैसले सुनाने का आदेश दिया है. एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की ओर से मांग की जा रही थी कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट किया जाए.

महाराष्ट्र मामले में मंगलवार को आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला (फोटो-PTI) महाराष्ट्र मामले में मंगलवार को आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला (फोटो-PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट से फडणवीस सरकार को राहत मिली
  • कोर्ट मंगलवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा

सुप्रीम कोर्ट से फडणवीस सरकार को राहत मिली है. अदालत अब इस मामले में कल यानी मंगलवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी. सोमवार को करीब 2 घंटे इस मामले में अदालत में तीखी बहस चली जिसके बाद अदालत ने इस पर कल फैसला सुनाने का आदेश दिया है. एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की ओर से मांग की जा रही थी कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट किया जाए.

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24 घंटे के अंदर कई फ्लोर टेस्ट हुए

कोर्ट में सुनवाई को दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कभी भी हो सकता है. ये फैसला स्पीकर के ऊपर है. आज वो कह रहे हैं कि उनके पास 54 विधायक हैं, कल मैं भी ये कह सकता हूं. फ्लोर टेस्ट कराना स्पीकर की जिम्मेदारी है, इसमें कोर्ट की जिम्मेदारी क्या है? मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट का कोई सवाल ही नहीं है. यहां पर होर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं है, बल्कि पूरा ग्रुप ही दूसरी ओर चला गया है. अगर राज्यपाल कहते हैं कि आज फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए और उन्हें अपना काम करने दिया जाए. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी ये पॉजिशन नहीं है. इस प्रकार के कई केस हैं, जिनमें 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट हुआ है. सॉलिसिटर जनरल ने इसपर जवाब दिया कि ये राज्यपाल का फैसला है, क्या विधानसभा का एजेंडा अदालत तय करेगी? इसके दूरगामी परिणाम होंगे.

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सॉलिसिटर ने बताया कि बीजेपी के पास 105 अपने, एनसीपी 54 और 11 निर्दलीयों का समर्थन है. राज्यपाल के पास सभी विधायकों का समर्थन पत्र पहुंचा था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि वो चिट्ठी कहां है जिसमें राज्यपाल ने फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता दिया था.

..जब पूछा अजित पवार की तरफ से कौन है?

मुकुल रोहतगी ने कहा कि पवार परिवार में क्या हो रहा है, इससे उन्हें मतलब नहीं है. एक पवार मेरे साथ हैं और एक कोर्ट में, वह हस्ताक्षर गलत नहीं बता रहे हैं, बल्कि होर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यहां पर राज्यपाल के बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं, यहां मामला अलग है. जस्टिस खन्ना ने इस दौरान कहा कि आप बीते कल की बात कर रहे हैं, यहां अजित पवार की तरफ से कोई है?

इसके बाद अजित पवार की तरफ से पक्ष रख रहे मनिंदर सिंह ने कहा कि मैं ही एनसीपी हूं और मैं ही नेता हूं. तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल को ये भी देखना होगा कि कौन स्थाई सरकार देगा? अजित पवार के वकील ने कहा कि जो मैंने सूची दी है वो पूरी तरह से सही है. जैसे भी हो फैसला निकलना चाहिए, चाहे कोर्ट से निकले या फिर राज्यपाल से.

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एनसीपी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील रखी. सिंघवी ने कहा कि अगर दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं तो देरी क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ छिपाया जा रहा है तो फर्जीवाड़ा हुआ है. अजित पवार की चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है.

अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से चिट्ठी को फ्रॉड बताने पर मुकुल रोहतगी भड़के और उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई. इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने 48 एनसीपी, 56 शिवसेना और 44 कांग्रेस विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने की बात कही. इस पर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जताई, इस पर अदालत ने कहा कि अगर आप ये दाखिल करेंगे तो मुझे उनसे जवाब लेना होगा. जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने चिट्ठी वापस ले ली.अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि कोर्ट को तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिए, पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति होनी चाहिए.

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