
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को नागपुर हिंसा मामले में अब तक हुई कार्रवाई के संबंध में जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हालिया हिंसा के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्धारित नागपुर यात्रा प्रभावित नहीं होगी. सीएम ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से दंगाइयों की पहचान की जा रही है और अब तक 109 दंगाइयों को पकड़ा जा चुका है. इनमें से 18 नाबालिग हैं, उन पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि सोशल मीडिया पर जिन लोगों ने दंगे को लेकर पोस्ट किया है, उन पर भी दंगे भड़काने के आरोपों में कार्रवाई की जा रही है. साथ ही दंगे भड़काने वाले पॉडकास्ट की भी जांच की जा रही है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंसा और आगजनी में जिन लोगों की संपत्तियों को नुकसान हुआ है, उन्हें आने वाले तीन से चार दिन मे मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही इंटरनेट से पाबंदी हटाने पर विचार किया जा रहा है.
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दंगाइयों से कराएंगे नुकसान की भरपाई: CM फडणवीस
महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि हिंसा के दौरान जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली दंगाइयों से की जाएगी. अगर उन्होंने पैसे नहीं भरे तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन्हें बेचकर नुकसान की भरपाई होगी. सरकार उन लोगों की मदद करेगी जिनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अगले सात दिनों में हम ऐसे लोगों को आर्थिक मदद देने की योजना बना रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों पर भी दंगाइयों द्वारा पत्थर फेंके गए. हालांकि, छेड़छाड़ की खबरों को उन्होंने झूठा बताया. मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह कहना गलत है कि नागपुर में हुई हिंसा खुफिया विफलता थी. इसमें कोई राजनीतिक पहलू नहीं है. यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि नागपुर हिंसा में कोई विदेशी या बांग्लादेशी एंगल है. इसकी भी हम जांच कर रहे हैं.'
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आयतें लिखी चादर जलाने के अफवाह पर भड़की हिंसा
बता दें कि 17 मार्च को अफवाह फैलाया गया कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयतें लिखी एक चादर जला दी गई. इस अफवाह के चलते नागपुर के कई हिस्सों में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं. नागपुर में हुई हिंसा के दौरान डीसीपी लेवल के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए. नागपुर की एक अदालत ने मामले में 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान और पांच अन्य के खिलाफ देशद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 18 मार्च को राज्य विधानसभा को आश्वासन दिया था कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म 'छावा' में वास्तविक इतिहास को दर्शाया गया है, जिससे लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं. देवेंद्र फडणवीस ने छत्रपति संभाजीनगर के खुलताबाद से मुगल बादशाह की कब्र हटाने के लिए विभिन्न संगठनों की ओर से किए जा रहे आह्वान का हवाला देते हुए कहा था कि लोग औरंगजेब के प्रति अपना गुस्सा दिखा रहे हैं.