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'मोदी इन राष्ट्र, शिंदे इन महाराष्ट्र', शिवसेना के विज्ञापन से फडणवीस को लेकर छिड़ी बहस

महाराष्ट्र में शिंदे गुट की शिवसेना ने अखबारों में विज्ञापन दिया है. इसमें दावा किया है कि सीएम के तौर पर फडणवीस के मुकाबले शिंदे सबसे ज्यादा पसंदीदा चेहरा हैं. सर्वे का हवाल देकर विज्ञापन में ये भी दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में 46.4 प्रतिशत लोग राज्य में बीजेपी और शिवसेना के बीच एक मजबूत गठबंधन देखना चाहते हैं.

महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना गठबंधन की सरकार है. (फाइल फोटो) महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना गठबंधन की सरकार है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 13 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मंगलवार को अखबारों में फुल पेज का विज्ञापन दिया है, जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है. इस विज्ञापन का शीर्षक है- 'मोदी फॉर इंडिया, शिंदे फॉर महाराष्ट्र'. एक सर्वे का हवाला देते हुए शिंदे को बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की तुलना में सबसे ज्यादा पसंदीदा दिखाया गया है. इस विज्ञापन ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बहस छेड़ दी है.

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विज्ञापन पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत तंज कसा. उन्होंने शिंदे की पार्टी को 'मोदी-शाह की शिवसेना' कहा है. विज्ञापन में शिवसेना का धनुष-बाण चुनाव चिन्ह है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिंदे की तस्वीरें हैं. इसमें शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर नहीं है. विज्ञापन में कहा गया है, '…मुख्यमंत्री पद के लिए महाराष्ट्र में 26.1 प्रतिशत लोग एकनाथ शिंदे को और 23.2 प्रतिशत लोग देवेंद्र फडणवीस को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.'

'सर्वे में 30 प्रतिशत बीजेपी को पसंद करते'

विज्ञापन में दिए गए आंकड़े और दावे एक सर्वे का हवाला देकर प्रकाशित किए गए हैं. इसमें कहा, चुनाव सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र के 30.2 प्रतिशत लोग बीजेपी को पसंद करते हैं, जबकि 16.2 प्रतिशत लोग शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली) को पसंद करते हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र के कुल 46.4 प्रतिशत लोगों ने राज्य के विकास के लिए भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना गठबंधन पर भरोसा किया है.

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'बालासाहेब की तस्वीर कहां है?'

विज्ञापन पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, यह पहले बालासाहेब की शिवसेना थी, लेकिन विज्ञापन ने हवा को साफ कर दिया है. यह अब मोदी-शाह की शिवसेना बन गई है. विज्ञापन में दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर कहां है?

'खुशी के पल में बालासाहेब को भूल गए'

राउत ने कहा, इस विज्ञापन पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए और खुशी के पल में शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को भूल गए हैं. वही असली शिवसेना हैं, इस दावे का बुलबुला फूट गया है. वे दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे की फोटो लगाने से डर रहे हैं. मोदी और शाह से इतना डर? बाकी तो सर्वे है.. फडणवीस आपका पसंदीदा विषय है. उन्होंने कहा, ये पब्लिक है, ये सब जानती है.

'शिंदे की स्वीकार्यता बढ़ी है'

वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विज्ञापन को लेकर किनारा किया. उन्होंने कहा, जब हमेशा चुनाव परिणाम आता है, तब यह तय होता है कि मतदाताओं के लिए कौन-सी पार्टी या नेता ज्यादा स्वीकार्य है. कैबिनेट मंत्री के रूप में शिंदे पहले लोकप्रिय थे और अब मुख्यमंत्री के रूप में उनकी स्वीकार्यता बढ़ी है. राज्य के लोगों को फडणवीस, शिंदे और मोदी से काफी उम्मीदें हैं.

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'बीजेपी और शिवसेना के बीच तुलना नहीं'

उन्होंने कहा कि राज्य स्तर के नेता के तौर पर महाराष्ट्र की जनता ने फडणवीस को दो बार तरजीह दी है. बावनकुले ने कहा, शिवसेना और बीजेपी के बीच कोई तुलना नहीं है कि कौन बड़ी या छोटी पार्टी है.

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'कांग्रेस ने झूठा सर्वे बताया'

महाराष्ट्र में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने इसे एक 'झूठा' सर्वे बताया. उन्होंने कहा कि शिंदे ने खुद को बढ़ावा देने के लिए इसका इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा, चुनाव में महा विकास अघाड़ी 42 से ज्यादा लोकसभा सीटें (महाराष्ट्र में) और विधानसभा में 200 सीटें जीतेंगे. उनके (शिंदे) बारे में एक नई कहानी लिखी जाएगी, जैसे 'एक जमाने में शिंदे थे...'.

'मिलकर चुनाव लड़ेगा एमवीए'

बता दें कि महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें और 288 विधानसभा क्षेत्र हैं. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी- शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी ने दावा किया है कि वे ज्यादातर समन्वय के साथ चुनाव लड़ेंगे.

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'शिंदे सभी के लिए सुलभ'

शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने कहा, हम कभी भी किसी को अनुकूल सर्वे के लिए प्रबंधित नहीं करते हैं. वह (शिंदे) लोगों के लिए भी सुलभ हैं और राज्य के सभी हिस्सों का दौरा करते हैं. हमने किसी मीडिया हाउस को हमारे लिए सर्वे करने के लिए नहीं कहा है.

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बताते चलें कि इससे पहले महाराष्ट्र में एक नारा चर्चा में आया था. बीजेपी कैडर ने कहा था, 'दिल्ली में नरेंद्र और राज्य में देवेंद्र'. हालांकि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विज्ञापन ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में कई लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं. सर्वे दावा करता है कि पीएम मोदी और सीएम एकनाथ शिंदे की जोड़ी के प्रयासों से शुरू की गई जन कल्याणकारी परियोजनाओं की वजह से लोकप्रियता बढ़ी है.

 

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