
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) पर उन पर 'निगरानी' रखने का आरोप लगाने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने अब सफाई दी है. नाना पटोले का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. यह कहते हुए कि मेरे आरोप राज्य सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ थे, नाना पटोले ने इस मुद्दे पर मीडिया को फटकार लगाई है.
उन्होंने कहा, ''मैंने लोनावला में जो कहा, वह केंद्र के बारे में था. मैंने आईबी की रिपोर्ट के बारे में कहा था. मैंने जो भी कहा था, वह बीजेपी को लेकर ही कहा था. बीजेपी की बेचैनी अब बढ़ गई है. वह सत्ता जाने से परेशान है. वह अपना संतुलन खो चुकी है. इसी कारण उनकी तरफ से इस तरह के गलत बयान आ रहे हैं.''
पहले क्या कहा था नाना पटोले ने?
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पटोले ने कहा था कि राज्य में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को हर एक चीज की रिपोर्ट मिलती रहती है. उन्हें यह भी पता है कि मैं क्या कर रहा हूं. मीडिया को नहीं पता था कि मैंने दोपहर 3 बजे मीटिंग की है लेकिन उन तक बात पहुंच जाती है, क्योंकि उनके पास व्यवस्था है. उन्हें एहसास होने लगा है कि उनके पैरों तले जमीन खिसकने लगी है. यह बयान नाना पटोले ने दिया, लेकिन अब उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
अब नाना पटोले ने क्या कहा?
नाना पटोले ने अब कहा है कि मेरा बयान महत्वपूर्ण है. इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस का महत्व बढ़ रहा है. रविवार को शरद पवार ने यह भी कहा कि पार्टी बनाना और सरकार चलाना दो अलग-अलग चीजें हैं. पार्टी बनाने का अधिकार सभी को है. उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से जो काम करने को कहा, उसका मैंने स्वागत किया. मैं जनता की लड़ाई लड़ रहा हूं, अगर वे 3 बजे तक मेरा और कांग्रेस पार्टी का इंतजार कर रहे हैं तो यह मेरे और मेरी पार्टी के लिए अच्छी बात है. इससे भाजपा के पैरों तले की जमीन खिसकना स्वाभाविक है.
जून महीने में पटोले ने गठबंधन को लेकर बयान दिया था कि यह स्थाई नहीं है, बल्कि अस्थाई गठबंधन है. उन्होंने कहा था कि हमने 2019 में भाजपा को रोकने के लिए महा विकास अघाड़ी बनाया था. यह कोई स्थाई नहीं है. हर पार्टी को अपना संगठन मजबूत करने का अधिकार है. मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा था कि जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हैं, उन्हें लोग जवाब देंगे.