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डेट नहीं बढ़ी तो महिला डॉक्टर ने तोड़ दी शादी, कहा- कोरोना मरीजों की सेवा ही धर्म

अपूर्वा ने बताया है कि कोरोना की वजह से ही पिछले साल सितंबर में उनके पिता का भी निधन हो गया था. उन्हें उस बेबसी और दर्द का एहसास है जो कई कोविड मरीज और उनके रिश्तेदार महसूस करते हैं.

डेट नहीं बढ़ी तो महिला डॉक्टर ने तोड़ दी शादी डेट नहीं बढ़ी तो महिला डॉक्टर ने तोड़ दी शादी
योगेश पांडे
  • नागपुर,
  • 07 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:34 AM IST
  • कोविड मरीजों की करनी थी मदद, तोड़ दी शादी
  • नागपुर की लेडी डॉक्टर ने कायम की मिसाल
  • लेडी डॉक्टर के पिता का भी कोरोना से निधन

कोरोना के इस मुश्किल दौर में कई लोग सिर्फ सेवा को ही असली धर्म मान सभी की मदद कर रहे हैं. वे अपने परिवार से पहले हर उस जरूरतमंद को आगे रख रहे हैं जिसे या तो किसी मदद की जरूरत है या फिर वो मजबूर है. अब नागपुर से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई है जहां पर एक महिला डॉक्टर ने कोरोना काल में अपनी शादी तोड़ने का फैसला किया. उन्होंने कोविड मरीजों की सेवा को ही अपना असल धर्म माना है.

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कोविड मरीजों की करनी थी मदद, तोड़ दी शादी

नागपुर की इस महिला डॉक्टर का नाम अपूर्वा मंगलगिरी है जो सेंट्रल इंडिया कार्डिओलॉजी हॉस्पिटल में बतौर फिजिशियन काम कर रही हैं. उनकी 26 अप्रैल को शादी होने जा रही थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसे तोड़ने का फैसला लिया. बताया गया कि उनका परिवार कोरोना काल में शादी नहीं करना चाहता था, ऐसे में शादी की तारीख को पोस्टपोन करने पर विचार हो रहा था. लेकिन लड़के वालों की तरफ से इस मांग को नहीं माना गया जिसके बाद अपूर्वा ने उस शादी को ही तोड़ दिया और अपने आप को सिर्फ कोविड मरीजों की सेवा में समर्पित कर दिया.

पिता का भी हुआ कोरोना से निधन

अपूर्वा ने बताया है कि कोरोना की वजह से ही पिछले साल सितंबर में उनके पिता का भी निधन हो गया था. उन्हें उस बेबसी और दर्द का एहसास है जो कई कोविड मरीज और उनके रिश्तेदार महसूस करते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उनके पास भी कई जरूरतमंदों का फोन आता है, मदद मांगी जाती है. बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए ही इस महिला डॉक्टर ने अपनी शादी को छोड़ उन कोविड मरीजों की मदद करने की ठानी और अब देखते ही देखते उन्होंने इस सेवा को ही अपना धर्म मान लिया है. 

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परिवार को अपनी बेटी पर गर्व

वैसे अपूर्वा को इस बात का भी एहसास है कि कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में डॉक्टर और नर्सों की भारी कमी है, ऐसे में वे अपना हर मिनट सिर्फ कोविड मरीजों की मदद में देना चाहती हैं. शादी तोड़ने का भी उन्होंने ये एक अहम कारण बताया है. उनकी नजरों में जब अस्पताल में डॉक्टरों की किल्लत है, कई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं, ऐसे में वे शादी नहीं करना चाहती हैं. वे सिर्फ इन बिगड़े हुए हालात को फिर काबू में लाना चाहती हैं. अब कहने को शादी तोड़ने का फैसला काफी मुश्किल था, लेकिन इस महिला डॉक्टर ने पूरा साहस दिखाया और अपने परिवार को भी राजी कर लिया. अब अपूर्वा का परिवार भी अपनी बेटी पर गर्व करता है. उन्हें भी इस बात की खुशी है कि उनकी बेटी इस मुश्किल समय में कई लोगों की मदद कर पा रही है.

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