
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय के बाद महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन में भूचाल आ गया है. सामना में ये सम्पादकीय शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिखा है, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर सचिन वाजे वसूली करता रहा और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी?
इसके अलावा संजय राउत ने लिखा 'अनिल देशमुख को गृहमंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया. जयंत पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल ने गृहमंत्री का पद स्वीकार करने से मना कर दिया था, तब ये पद शरद पवार ने अनिल देशमुख को सौंपा था. इस पद की एक गरिमा और रुतबा है.'
संजय राउत के इस बयान के बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने गहरी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा 'एनसीपी में कोटे से किसे कौन सा पद मिलेगा ये शरद पवार तय करते हैं. किसी दूसरे को इस पर सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है. खासकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन (NCP + Congress +Shiv Sena का गठबंधन) के लोगों को. इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए. इस तरह के बयान देना सही नहीं है, इस तरह के बयान गठबंधन में समस्या पैदा करेंगे.'
आपको बता दें कि संजय राउत ने इसी लेख में लिखा है कि महाराष्ट्र में विपक्ष को उद्धव ठाकरे सरकार गिराने की जल्दबाजी है. इसलिए फटे हुए गुब्बारे में हवा भरने का काम कर रही है. ऐसे आरोपों के कारण सरकार गिरने लगे तो केंद्र की मोदी सरकार को पहले जाना होगा.
संजय राउत के इस संपादकीय पर कांग्रेस का भी बयान आ गया है, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है- शिवसेना ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री के चाल-चलन पर शक जाहिर किया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया कह चुके हैं कि गृहमंत्री के भविष्य का फैसला मुख्यमंत्री करें. मुख्यमंत्री शिवसेना के हैं, और मौन साधे हैं. फिर एक्शन लेने से मुख्यमंत्री को किसने रोक रखा है?