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सीएम फडणवीस की बैठक में फिर नहीं पहुंचे शिंदे, दूसरी बार अहम मीटिंग से रहे नदारद

महाराष्ट्र में एनडीए सरकार के भीतर टकराव की खबरें बढ़ती जा रही हैं, खासकर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की अहम बैठकों से गैर-मौजूदगी की वजह से. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तरफ से बुलाई गई बैठकों में शिंदे की गैर-हाजिरी से सियासी गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं.

एकनाथ शिंदे एकनाथ शिंदे
मुस्तफा शेख
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में मानो सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के अहम बैठकों से गैर-हाजिर रहने पर तो कम से कम ऐसा ही माना जा रहा है. पहले तो वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग से दूर रहे, और अब एक अन्य अहम बैठक में उन्होंने शिरकत नहीं की. सीएम फडणवीस ने कुछ अहम प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी जिसमें अजित पवार तो पहुंचे, लेकिन एकनाथ शिंदे नदारद रहे.

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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठक में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा होनी थी. हाउसिंग से संबंधित मंत्रालय एकनाथ शिंदे के पास ही है, लेकिन वह इस मीटिंग में नहीं आए. हालांकि, शिंदे गुट की तरफ से गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने मीटिंग अटेंड किया. बताया जाता है कि पिछले हफ्ते की कैबिनेट बैठक में भी एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे थे. अब उनके दूसरी बार ऐसा करने पर सवाल उठने लगे हैं.

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फडणवीस का सीएम बनना नहीं पचा पाए शिंदे!

एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री थी, लेकिन 2022 में उन्होंने दर्जनों विधायकों को तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था. उन्होंने राज्य में एनडीए की सरकार बनवाई थी, और फिर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनना पड़ा था. अब जब हालिया चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी तो देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ, जिसे शिंदे ने कई दिनों तक मानने से इनकार किया.

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बनना चाहते थे मुख्यमंत्री!

एकनाथ शिंदे शिवसेना के प्रमुख हैं, जो महाराष्ट्र में महायुति (बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी) गठबंधन सरकार का हिस्सा है. मसलन, एकनाथ शिंदे की तरफ से चल रहा तनाव कोई नई बात नहीं है. विधानसभा चुनाव के बाद कहा जाता है कि वह दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. इसके लिए कई दिनों तक उन्होंने सियासी उठापटक भी मचाई. यहां तक कि वह बीमार भी पड़ गए और मौन धारण कर लिया था, लेकिन कहा जाता है कि बीजेपी ने सीएम पद पर उनके दावे को सिरे से खारिज किया.

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सीएम नहीं बनने का मलला है शिंदे को!

एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला तो कहा जाता है कि पहले ही हो चुका था, लेकिन सीएम नहीं बन पाने का मलाल माना जाता है कि उनके मन में अभी भी है. बाद में पता चला कि वह कम से कम गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी चाह रहे हैं, लेकिन यह अहम पद भी बीजेपी ने उन्हें देने से इनकार किया. हाउसिंग जैसे अहम मंत्रालय उन्हें दिए गए. महाराष्ट्र कैबिनेट में शिवसेना के पास 11 मंत्री पद हैं. लेकिन सीएम नहीं बन पाने के मलाल पर विपक्षी पार्टी के नेता संजय राउत कहते हैं कि वह (एकनाथ शिंदे) ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. 

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