
महाराष्ट्र के पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में गुरुवार को आग लग गई. मौके पर पहुंचीं दमकल विभाग की 15 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई. पुणे के मेयर ने इसकी पुष्टि की. मरने वालों में सीरम इंस्टीट्यूट के कर्मचारी हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ही कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड बना रही है, जिसकी आपूर्ति भारत समेत कई देशों में की जा रही है.
आग पुणे के मंजरी में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में लगी. पिछले साल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था, लेकिन अभी इस प्लांट में वैक्सीन का उत्पादन नहीं शुरू हो पाया है.
पुणे के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आग मंजरी प्लांट में लगी है. वैक्सीन का उत्पादन वहां पर अभी नहीं शुरू हुआ था. लेकिन बाद में इसे शुरू करने की तैयारी चल रही थी. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि चिंता और प्रार्थनाओं के लिए सभी को धन्यवाद.
सरकार ने दिए जांच के आदेश
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि हमने जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मैं प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं. देश और दुनिया भर से इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है. अजीत पवार ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि वैक्सीनेशन प्लांट सुरक्षित है.
पुराने प्लांट में ही हो रहा है वैक्सीन का प्रोडक्शन
अभी कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट से करीब एक से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित पुराने प्लांट से किया जा रहा है. इस प्लांट का निर्माण 1996 में किया गया था. यही पर कोविशिल्ड वैक्सीन का प्रोडक्शन हो रहा है. कोविशिल्ड का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करने की तैयारी नए प्लांट से थी, जिसका कुछ हिस्सा फिलहाल आग की चपेट में है.
नए प्लांट में लगाए जा रही है मशीनरी
सूत्रों के मुताबिक, मंजरी के इस प्लांट में कोविशिल्ड के प्रोडक्शन के लिए मशीनरी लगाने का काम शुरू था. इन नए प्लांट के टर्मिनल 1 में सीईओ अदार पूनावाला ने अपना कॉरपोरेट ऑफिस बनाया हुआ है. बताया जा रहा है कि आग टर्मिनल 1 में लगी है, जिस पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है. आग पर अभी सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.