
महाराष्ट्र में बाढ़ की विभीषिका विकराल होती जा रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिशन (एमएआरडी) ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. एमएआरडी का कहना है कि मानवीय आधार पर अगली सूचना तक हमने आंदोलन को वापस लेने का फैसला किया है. आज यानी गुरुवार से सभी डॉक्टर काम पर लौट आएंगे. बता दें, महाराष्ट्र में भी नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल के खिलाफ डॉक्टर हड़ताल पर थे.
महाराष्ट्र डॉक्टर संघ की DMER के डायरेक्टर टीपी लहाने से मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया है. डॉक्टरों ने अनुच्छेद 370 हटाने और मुंबई में हाई अलर्ट को भी ध्यान में रखते हुए फिलहाल वापस काम पर लौटने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र में बारिश का कहर जारी है. रविवार को तेज बारिश के चलते मुंबई और सतारा में पांच लोगों की मौत हो गई थी. महाराष्ट्र के बड़े हिस्से, विशेष रूप से तटीय कोंकण क्षेत्र में बारिश लगातार जारी है. इसी वजह से क्षेत्र में रविवार को ट्रेनों के आवागमन पर भी असर पड़ा है.
वहीं मुंबई के सांताक्रूज पूर्व में बिजली का करंट लगने से एक महिला और उसके बेटे की मौत हो गई थी, जबकि धरावी में एक युवक बह गया था. इसके अलावा पुणे के दो व्यक्ति सतारा में एक झरने में डूब गए थे. उन लोगों की कार पुल पर एक बैरिकेड से टकरा गई और वे बाढ़ के पानी में बह गए.
लगातार बारिश के बाद, कुर्ला उपनगर के क्रांति नगर, इंदिरा नगर, जरीमरी, शंकरनगर और बैल-बाजार इलाकों के कई घरों में पानी घुस गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद सीएम फडणवीस ने कहा था कि बाढ़ से राज्य के 204 गांव और 11,000 परिवार प्रभावित हैं. राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है. सेना, नौसेना और वायु सेना की मदद ली जा रही है.