Advertisement

महाराष्ट्र कैबिनेट के विस्तार में आ सकती है मुश्किल, CM शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम ने की बैठक

सीएम शिंदे खेमे के नेता एमवीए शासन के दौरान वित्त मंत्री रहने के दौरान अजित पवार द्वारा दिए जाने वाले धन की कमी का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे से अलग हो गए थे. अगर अजित पवार को फिर से महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय मिलता है, तो उनका पूरा तर्क विफल हो सकता है.

CM शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम-फाइल फोटो CM शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम-फाइल फोटो
ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 11 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST

महाराष्ट्र सरकार के सामने नए कैबिनेट का विस्तार करना एक कठिन चुनौती है. टॉप के तीन लीडर के सामने विधायकों को मनाना आसान काम नहीं होगा. शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की राकांपा फिलहाल सरकार में है. इसी कड़ी में सोमवार को सीएम एकनाथ शिंदे, दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार ने बैठक की.

जहां सीएम शिंदे के विधायकों में असंतोष की खबरें आ रही थीं, वहीं अब विवाद की जड़ रायगढ़ के संरक्षक मंत्री पद पर बनती नजर आ रही है. हालांकि, सीएम शिंदे की शिवसेना और स्थानीय विधायक भरत शेठ गोगावले एनसीपी की अदिति तटकरे को रायगढ़ जिले की जिम्मेदारी दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं.

Advertisement

जबकि अजित पवार खेमा भी वित्त, ऊर्जा, जल संसाधन, सहकारिता, लोक निर्माण और आवास जैसे कई प्रमुख विभागों के लिए कड़ी चुनौती दे रहा है. अजित पवार जब भी सत्तारूढ़ सरकारों का हिस्सा रहे हैं, उन्होंने मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय ही संभाला है. हालांकि, इस बार उनका उद्देश्य धन आवंटन को नियंत्रित करना है, लेकिन सीएम शिंदे खेमे के विधायकों द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने से यहां भी खतरा है.

सीएम शिंदे खेमे के नेता एमवीए शासन के दौरान वित्त मंत्री रहने के दौरान अजित पवार द्वारा दिए जाने वाले धन की कमी का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे से अलग हो गए थे. अगर अजित पवार को फिर से महत्वपूर्ण वित्त मंत्रालय मिलता है, तो उनका पूरा तर्क विफल हो सकता है. इसके अलावा, अजीत पवार की एनसीपी की नजर पश्चिमी महाराष्ट्र के संरक्षक मंत्री पद पर है. वह सतारा, सांगली और पुणे के संरक्षक मंत्री पद पाना चाहते हैं.

Advertisement

इसी तरह, पिछले सप्ताह शपथ लेने वाले छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल और हसन मुश्रीफ जैसे वरिष्ठ नेताओं को उनके अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर महत्वपूर्ण विभाग मिलने चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, कल सीएम शिंदे और फडणवीस के साथ हुई बैठक में अजीत पवार ने इस बात पर जोर दिया.

मौजूदा समय में अजीत पवार देवगिरी के अपने आधिकारिक निवास से चले गए हैं और अब नेपियन सी रोड पर अपने भाई के घर पर हैं. एक अन्य दिलचस्प घटनाक्रम में अजित पवार के भतीजे ने दक्षिण मुंबई के वाई.बी. चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की है.

पिछले साढ़े तीन साल महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. सवाल यह है कि क्या अंतिम कैबिनेट विस्तार इस उग्र तूफान को शांत करेगा या सस्पेंस और अधिक गहराता जाएगा.
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement