
महाराष्ट्र (Maharashtra) की सरकार ने शिवसेना (शिंदे) के 20 विधायकों की Y कैटेगरी सिक्योरिटी वापस ले ली है. इस कदम को राज्य के संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सीएम फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार की पहल के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. इन विधायकों को Y सिक्योरिटी कवर अतिरिक्त भत्ते के तौर पर दिया गया था, जबकि वे मंत्री नहीं हैं.
उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना से दलबदल करने के बाद ज्यादातर विधायकों को यह सुरक्षा दी गई थी. इसके साथ ही कई बीजेपी विधायकों और अजित पवार खेमे के विधायकों की सुरक्षा भी कम कर दी गई है.
राज्य सरकार के इस फैसले से शिंदे सेना और बीजेपी के बीच चल रहे तनाव में और इजाफा होने की आशंका है. इस कदम को सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा अपनी सत्ता कायम रखने के लिए एक रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन इससे शिवसेना शिंदे गुट नाराज हो सकती है.
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्य सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसलों का रिफरेंस देते हुए, महायुति को वैलेंटाइन माह से जोड़ दिया.
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष?
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में सत्ता संघर्ष की अटकलों के बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक हेल्प डेस्क और मेडिकल सहायता डेस्क स्थापित किया है, जबकि उनके डिप्टी एकनाथ शिंदे फडणवीस के कार्यालयों के ठीक बगल में अपना मेडिकल सहायता डेस्क चला रहे हैं.
मंत्रालय भवन (राज्य सचिवालय) की सातवीं मंजिल, सत्ता संघर्ष का प्रतीक बन गई है, जिसमें फडणवीस का वॉर रूम प्रमुख परियोजनाओं और महत्वपूर्ण बैठकों की निगरानी कर रहा है. एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा के लिए एक समन्वय समिति कक्ष स्थापित किया है.
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इन घटनाक्रमों के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने इस मुद्दे को कमतर आंकते हुए कहा कि व्यवस्था में कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने खुद के अनुभव के साथ समानताएं बताईं, जब उनका कार्यालय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिंदे के बगल में स्थित था. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार अच्छी तरह से काम कर रही है.