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महाराष्ट्र में नहीं छिपाए जा रहे कोरोना के आंकड़े, स्वास्थ्य विभाग ने दिया जवाब

बीजेपी ने पहले आरोप लगाया था कि राज्य पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 मामलों की मौत की संख्या छिपा रहा है. लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है कि पिछले साल मार्च 2020 में शुरू हुए कोविड-19 के हर मरीज और मौत की गिनती की जाए. 

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
पंकज उपाध्याय
  • मुंबई,
  • 11 जून 2021,
  • अपडेटेड 9:40 PM IST
  • महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने दिया जवाब
  • राज्य में नहीं छिपाए जा रहे हैं कोरोना के आंकड़े

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने अपने एक जवाब में कहा है कि राज्य द्वारा कोरोना का कैसा भी आंकड़ा छिपाया नहीं जा रहा है. विभाग ने स्पष्ट किया कि तकनीकी मुश्किलों के चलते कभी-कभी कोरोना से संबंधित जानकारी में देर भले होती है, लेकिन संख्याओं को अपडेट करने के लिए जिला और नगर निगम के साथ नियमित रूप से कार्रवाई की जाती है. जिसके चलते इसमें कोई भी नंबर छिपा हुआ नहीं है. दरअसल, बीजेपी ने पहले आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 मामलों में मौत की संख्या छिपाई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि कोरोना मरीजों की संख्या, ठीक होने वाले रोगियों की संख्या, मौतों का आंकड़ा बहुत बड़ा है. इसके लिए महाराष्ट्र की संचारी रोग सर्वेक्षण प्रणाली (Communicable Disease Survey System) पारदर्शी तरीके से काम कर रही है. ऐसे में कोई भी आंकड़े छिपाने का सवाल ही नहीं उठता. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही बहुत पारदर्शी तरीके से कोरोना मरीजों की संख्या को अपडेट करने का निर्देश दे चुके हैं. 

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उन्होंने बताया कि फैसिलिटी ऐप प्रत्येक अस्पताल को प्रदान की जाने वाली एक ऑनलाइन सेवा है, ताकि प्रत्येक अस्पताल अपने रोगी की जानकारी समय पर अपडेट कर सके. हालांकि, कई अस्पताल, खासकर निजी अस्पताल, इस ऐप पर अपने मरीज की जानकारी अपडेट नहीं करते हैं. इससे वास्तविक समय में डेटा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है कि कितने मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं, या कितनों की मौत हुई है.

अस्पताल स्तर पर देरी होने की स्थिति में यह जानकारी जिला स्तर पर इकठ्ठा कर कोरोना पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती है. लेकिन इस प्रोसेस में अक्सर काफी समय लग जाता है. नतीजतन, मौत के आंकड़ों पर कुछ जानकारी लंबे समय तक लंबित रहती है.

दरअसल, बीजेपी ने पहले आरोप लगाया था कि राज्य पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 मामलों की मौत की संख्या छिपा रहा है. लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है कि पिछले साल मार्च 2020 में शुरू हुए कोविड-19 के हर मरीज और मौत की गिनती की जाए. 


महाराष्ट्र में कम हो रहे कोरोना मरीज

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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है. इससे ऑक्सीजन की किल्लत भी दूर होने लगी है. राज्य सरकार ने गुरुवार तक महाराष्ट्र में ऑक्सीजन बेड्स की ऑक्यूपेंसी और पॉजिटिविटी रेट के बारे में जानकारी दी. आंकड़ों के अनुसार, 10 जून तक राज्य भर में  20,697 ऑक्सीजन बेड्स भरे हुए हैं. यह संख्या 35,000 से कम होने के कारण आने वाले सप्ताह में राज्य स्तर पर ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होने वाली है.

इससे पहले, राज्य सरकार ने अपने ऑर्डर में कहा था कि यदि महाराष्ट्र में ऑक्सीजन बेड के इस्तेमाल की संख्या 35,000 से अधिक हो जाती है तो 'ऑक्सीजन ट्रिगर' सक्रिय हो जाएगा और स्तर 1 और 2 की छूट स्थानीय स्तर के मापदंडों के बावजूद मौजूद नहीं रहेगी. ऑर्डर में यह भी कहा गया कि- यदि ऑक्सीजन बेड ऑक्यूपेंसी 45,000 से अधिक हो जाती है तो राज्य स्तर 1,2,3 को हटा देगा और पूरे राज्य को स्तर 4,5 के रूप में बांटा जाएगा.

 

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