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कैसे हिंसा शुरू हुई, कैसे जुटी 500 लोगों की भीड़... नागपुर हिंसा की पूरी साजिश का डिकोड

पुलिस का मानना ​​है कि इन नारों और फर्जी बयानों ने पुलिस के खिलाफ नफरत पैदा की, जिसके कारण पुलिस पर हमला हुआ. बाद में हिंसा हुई, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और पुलिसकर्मी घायल हो गए.

नागपुर हिंसा नागपुर हिंसा
मुस्तफा शेख/योगेश पांडे
  • नागपुर,
  • 19 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा के मामले में पुलिस नए-नए खुलासे कर रही है. पुलिस ने दावा किया है कि फहीम शमीम खान नाम का शख्स इस दंगे का मास्टरमाइंड है, उसी ने लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी. नागपुर पुलिस का दावा है कि 38 साल के फहीम शमीम खान की स्पीच के बाद ही नागपुर में हिंसा भड़की थी. 

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अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक दलों (MDA) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान ने 50 से 60 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में ले जाकर औरंगजेब विरोध के दौरान चादर जलाकर धार्मिक भावनाओं का अपमान करने वाले वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

शांति बनाए रखने के लिए कहा गया

पुलिस ने उन्हें बताया कि बीएनएस 223 के तहत 9 लोगों के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37 (1), 37 (3) 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने उन्हें शांति बनाए रखने के लिए कहा, लेकिन फिर भी इन लोगों (फहीम खान और 8 अन्य) ने लोगों को इकट्ठा होने और विरोध करने के लिए कहा. इसके बाद शाम 4 बजे के आसपास 500 से 600 लोग शिवाजी चौक के आसपास इकट्ठा हुए और नारे लगाए. भीड़ ने पुलिस अधिकारियों पर वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने का भी आरोप लगाया और धार्मिक नारे लगाए गए. 

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घायल हुए कई पुलिसकर्मी

पुलिस का मानना ​​है कि इन नारों और फर्जी बयानों ने पुलिस के खिलाफ नफरत पैदा की, जिसके कारण बाद में पुलिस पर हमला हुआ. बाद में हिंसा हुई, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने प्रोटेस्ट करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और बीएनएस की 57 धाराएं लगाई हैं.

यह वीडियो 17 मार्च की दोपहर का है, जो नागपुर के गणेशपेठ पुलीस थाने का है.  बजरंग दल द्वारा हरी चादर जलाए जाने को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग कारवाई की मांग कर रहे थे. पुलिस स्टेशन में फहीम शमीम खान भी पहुंचा था. नागपुर हिंसा मामले में दर्ज की गई FIR में यह बात कही गई है. 

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'कुर'आन और दरगाह पर...'

FIR कॉपी में आरोपी फहीम के बयान का भी जिक्र किया गया है. FIR के मुताबिक, फहीम ने कहा था, "प्रदर्शन कोई भी कर सकता है लेकिन मुसलमानों की कलमे (कुर'आन की आयतें) से लिखी चादर जलाना कहां की बात है. पुलिसवालों ने हमारे ऊपर लाठीचार्ज किया, एक ही पक्ष के लोगों पर, जबकि वे लोग सिर्फ शांतिपूर्वक वहां पर बैठकर सिर्फ यही मांग कर रहे थे कि जिन्होंने चादर जलाई है, उन पर कार्रवाई हो. पुलिसवाले सिर्फ आश्वासन का लॉलीपोप दे देते हैं लेकिन उससे काम नहीं चलेगा."

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FIR कॉपी के मुताबिक, फहीम ने आगे कहा कि हजरत औरंगजेब के बारे में बोलते हैं. हमारी कौम को लीडर की जरूरत है. हमारी कौम अपने हक के लिए खुद आवाज उठा लेगी. हमें किसी के त्यौहार से दिक्कत नहीं लेकिन कोई हमारी कुर'आन, कलमें, दरगाह और मस्जिद पर बोलेगा तो गलत है.

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