
महाराष्ट्र और झारखंड के परिणाम सामने आ गए हैं. महाराष्ट्र में जहां महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है, वहीं झारखंड में इंडिया ब्लॉक को स्पष्ट बहुमत मिला है. दोनों राज्यों में जीत की बड़ी वजह उन योजनाओं को माना जा रहा है जिनके केंद्र में महिलाएं थीं. दोनों राज्यों में महिला वोटर्स की संख्या में उछाल देखा गया.
सबसे पहले बात महाराष्ट्र की करें तो यहां विधानसभा चुनाव से पहले इसी साल अगस्त में शुरू की गई लाडकी बहिण योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह दिए गए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाद में घोषणा की कि सहायता राशि बढ़ाकर 2,100 रुपये की जाएगी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस बल में 25,000 महिलाओं की भर्ती करने की योजना की भी घोषणा की.
राज्य में एमवीए की हार के बारे में पूछे जाने पर माकपा नेता अशोक धावले ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महायुति सरकार द्वारा घोषित लाडकी बहिण योजना के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों के लिए कुछ योजनाओं को सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ा गेम चेंजर बताया.
महाराष्ट्र में महिलाएं बनीं गेमचेंजर
पीटीआई के मुताबिक धावले ने कहा कि "कई वजहें हैं, जिनका विश्लेषण करना होगा, लेकिन लोकसभा चुनावों के बाद राज्य सरकार ने लाडकी बहिण योजना जैसी कई योजनाएं शुरू कीं, जिनका असर मतदाताओं पर पड़ा. पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की योजना को गेम चेंजर के रूप में देखा गया था. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा लाई गई 'लाडली बहना योजना' को राज्य में पार्टी की सत्ता बरकरार रखने का श्रेय दिया गया, जबकि ऐसी धारणा थी कि कांग्रेस मौजूदा पार्टी पर बढ़त बनाए हुए है.
झारखंड में इस योजना ने किया कमाल
वहीं, झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने इस साल अगस्त में 'मैया सम्मान योजना' शुरू की, जिससे महिला मतदाताओं का रुझान झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की ओर बढ़ा. इस योजना के तहत 21 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है. कहा जाता है कि इस योजना से राज्य भर में करीब 50 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा.
महाराष्ट्र में पुरुष और महिला वोटर्स के बीच का अंतर घटा
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में चुनावों में पुरुष और महिला मतदाताओं के बीच का अंतर कम होता जा रहा है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार 65.21 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले, जबकि पुरुषों ने 66.84 प्रतिशत वोट डाले, जो 1.63 प्रतिशत अंकों का अंतर है, जबकि 2019 में 62.77 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जबकि महिलाओं ने 59.2 प्रतिशत वोट डाले थे, जो 3.57 प्रतिशत अंकों का अंतर है.
झारखंड में 68 सीटों पर महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया
राज्य चुनाव अधिकारियों के अनुसार झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही, 81 में से 68 सीटों पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया. 1.29 करोड़ महिला मतदाताओं सहित 2.61 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 1.76 करोड़ से अधिक लोगों ने वोट डाले. चुनाव आयोग ने कहा कि 91.16 लाख महिला मतदाताओं ने मतदान किया जो पुरुषों के मतदान से 5.52 लाख अधिक है.