Advertisement

'किसी के बाप की नहीं मुंबई...', कर्नाटक संग सीमा विवाद पर बोले फडणवीस

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच में सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है. दोनों तरफ से तल्ख बयानबाजी देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में अब डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कर्नाटक के उन नेताओं को चेतावनी दी है जो मुंबई तक अपना दावा ठोकने लगे हैं.

डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 28 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST

कर्नाटक के साथ महाराष्ट्र का सीमा विवाद गहराता जा रहा है. जो मुद्दा पहले सिर्फ जमीनी विवाद तक सीमित चल रहा था, अब तल्ख बयानबाजी ने उसे और ज्यादा गंभीर बना दिया है. कर्नाटक के कुछ नेताओं ने मुंबई तक पर अपना दावा ठोक दिया था. उसी बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस आग बबूला हो गए हैं. उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है कि मुंबई किसी के बाप की नहीं है और इस प्रकार के बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Advertisement

फडणवीस क्यों हुए नाराज?

देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मुंबई सिर्फ महाराष्ट्र का है, किसी के बाप का नहीं. इस प्रकार के झूठे दावों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम गृह मंत्री ओर कर्नाटक सरकार के सामने अपना स्टैंड एकदम स्पष्ट करेंगे. गृह मंत्री से अपील की जाएगी कि इस प्रकार की बयानबाजी पर तुरंत रोक लगे. ये याद रहना चाहिए कि अमित शाह के साथ बैठक में फैसला हुआ था कि दोनों राज्यों में से कोई भी नया दावा नहीं करेगा. लेकिन कर्नाटक के विधायक या कांग्रेस नेता जो बोल रहे हैं, वो इसके बिल्कुल उलट है. हम कर्नाटक को इस सिलसिले में एक चिट्ठी भी लिखेंगे.

सीएम शिंदे का वो फैसला जिसने विवाद बढ़ाया

अब जानकारी के लिए बता दें कि ये सीमा विवाद उस समय ज्यादा बढ़ गया था जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा एक प्रस्ताव सदन में पारित करवा दिया गया. उस प्रस्ताव के मुताबिक मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया जाएगा और महाराष्ट्र की एक-एक इंच को वापस अपने हिस्से में किया जाएगा. इसमें निपानी, बेलगाम जैसे वो राज्य भी शामिल हैं जो वर्तमान में कर्नाटक के अंदर पड़ते हैं. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद ही कर्नाटक में नेताओं द्वारा तीखी बयानबाजी की गई थी. तब वो बयान मुंबई पर दावा ठोकने तक पहुंच गए थे. 

Advertisement

क्या है ये पूरा सीमा विवाद?

इस पूरे विवाद की बात करें तो असल में महाराष्ट्र चाहता है कि बेलगावी कर्नाटक में नहीं, उसके राज्य में शामिल होना चाहिए. इसके अलावा महाराष्ट्र 814 अन्य गांवों पर भी अपना हक मानता है. लेकिन कर्नाटक को ये स्वीकार नहीं है और इसी वजह से ये सीमा विवाद खड़ा हुआ है. इस विवाद की शुरुआत तो तभी हो गई थी जब 1956 में जब भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का काम चल रहा था. उस समय महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने बेलगावी (पहले बेलगाम), निप्पणी, कारावार, खानापुर और नंदगाड को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने की मांग की थी. लेकिन पूर्व जज मेहर चंद महाजन की अध्यक्षता में एक आयोग ने निप्पणी, खानापुर और नांदगाड सहित 262 गांव महाराष्ट्र को देने का सुझाव दिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement