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महाराष्ट्र: दो बूंद लापरवाही की! 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप के बजाय पिला दिया सेनेटाइजर!

रविवार की सुबह यवतमाल की एक ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पोलियो अभियान चलाया गया. यहां 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया गया. जिसके बाद इन बच्चों ने देर रात उल्टी और स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों की बात कही.

महाराष्ट्र में पोलियो ड्रॉप की जगह सेनेटाइजर पिलाने का मामला सामने आया. (सांकेतिक तस्वीर) महाराष्ट्र में पोलियो ड्रॉप की जगह सेनेटाइजर पिलाने का मामला सामने आया. (सांकेतिक तस्वीर)
कमलेश सुतार
  • मुंबई,
  • 01 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:52 AM IST
  • तीन स्वास्थ्यकर्मी सस्पेंड, मामले की जांच शुरू
  • बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल भेजा गया
  • 12 बच्चों को पिला दिया हैंड सेनेटाइजर

महाराष्ट्र के यवतमाल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही की हद लांघते हुए 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया. बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना रविवार की है. यहां बीते रविवार को घाटांजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा था. इस दौरान 12 बच्चों को हैंड सेनेटाइजर पिलाने की घटना सामने आई. 

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दरअसल, रविवार की सुबह यवतमाल की एक ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पोलियो अभियान चलाया गया. यहां 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया गया. जिसके बाद इन बच्चों ने देर रात उल्टी और स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों की बात कही. तबीयत बिगड़ने पर इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. गिरम गेदाम, योगश्री गेदाम, हर्ष मेश्राम, भावना अर्के, वेदांत मेश्राम, राधिका मेश्राम, प्राची मेश्राम, माही मेश्राम, तनुज गेदाम, निशा मेश्राम, आस्था मेश्राम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इनका इलाज चल रहा है.

दो पीड़ितों बेटों के पिता किशन शामराव गेदाम ने इंडिया टुडे को बताया कि उनके बच्चों को जब पोलियो की ड्रॉप दी गई तो उसके बाद उनके बच्चे उल्टी करने लगे. इसके बाद जब स्वास्थ्यकर्मियों को इस बात का एहसास हुआ कि उन्होंने पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सेनेटाइजर पिला दिया है तो दोबारा उन लोगों ने पोलियो ड्रॉप पिलाई. उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों का काफी ख्याल रखते हैं लेकिन स्वास्थकर्मियों की यह लापरवाही की हद है.

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शुरुआती जानकारी के मुताबिक एक सीएचओ, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक आशा कर्मी को  सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. यवतमाल जिला परिषद के सीईओ डॉ. श्रीकृष्णा पांचाल ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने के बाद घटना के दोषी तय किए जाएंगे. अस्पताल में भर्ती बच्चों की तबीयत अब स्थिर है.  

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