Advertisement

ED ने अब महाराष्ट्र के मंत्री को भेजा समन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज होगी पूछताछ

57 वर्षीय अनिल परब महाराष्ट्र विधान परिषद में तीन बार शिवसेना के विधायक हैं. ईडी ने हाल ही में परब के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद सात जगहों पर छापेमारी की थी. ईडी ने मई में भी उनसे जुड़े लोगों के परिसरों पर भी छापेमारी की थी.

26 मई को अनिल परब के दो आवासों सहित सात स्थानों पर ईडी ने तलाशी ली थी (फाइल फोटो) 26 मई को अनिल परब के दो आवासों सहित सात स्थानों पर ईडी ने तलाशी ली थी (फाइल फोटो)
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 15 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:59 AM IST
  • रत्नागिरि के दापोली में रिजॉर्ट निर्माण से जुड़ा है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
  • ईडी के निशाने पर शिवसेना के नेता, कई और से हो चुकी पूछताछ

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना के नेता अनिल परब को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 जून को मुंबई में पूछताछ के लिए तलब किया है. रत्नागिरि के दापोली इलाके में रिजॉर्ट के निर्माण में तटीय विनियमन क्षेत्र के प्रावधानों के कथित उल्लंघन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें पेश होने के लिए कहा गया है.

ईडी ने हाल ही में परब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. 26 मई को परब के दो आवासों सहित लगभग सात स्थानों पर तलाशी ली थी. उसके कुछ करीबी सहयोगियों से भी पूछताछ की गई थी. दापोली में परब द्वारा बनाए गए अवैध रिजॉर्ट को लेकर पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने अधिकारियों से कई शिकायतें की थीं.

Advertisement

दो दिन में 18 घंटे से ज्यादा की पूछताछ... कांग्रेस का प्रदर्शन, ED ने राहुल गांधी को तीसरे दिन भी किया तलब

दो नेताओं से हो चुकी है पूछताछ

ईडी ने शिवसेना के सदानंद कदम और संजय कदम से भी पूछताछ कर चुकी है. कदम शिवसेना के पूर्व सांसद रामदास कदम के भाई हैं, जो मुंबई के कांदिवली से अपना कारोबार चलाते हैं.

संजय कदम केबल टीवी के बिजनेस में हैं. महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को भी अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तार किया गया था.

1.10 करोड़ में सदानंद को बेचा थ रिजॉर्ट

मार्च में छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने पाया कि परिवहन मंत्री अनिल परब ने 2017 में दापोली में एक करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी. 2019 में पंजीकृत इस जमीन पर रिजॉर्ट बनाने बाद में इसे 2020 में सदानंद कदम को 1.10 करोड़ रु. बेच दिया था.

Advertisement

अनुमान: रिजॉर्ट बनाने में 6 करोड़ खर्च हुए

अधिकारियों ने बताया कि संबंधित पक्षों ने रिजॉर्ट के निर्माण की सूचना नहीं दी और 2019 और 2020 में भूमि के पंजीकरण के लिए स्टांप शुल्क का ही भुगतान किया. आईटी विभाग को यह भी संदेह है कि दापोली में रिजॉर्ट के निर्माण पर 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आया था. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement