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महाराष्ट्र: शिवाजी... CM शिंदे और औरंगजेब का किला, मंत्री के बयान पर मचा बवाल

मराठा शासक छत्रपति शिवाजी से सीएम शिंदे की तुलना के बाद महाराष्ट्र में एक बार फिर से तहलका मचा हुआ है. विवाद इतना बढ़ा कि सीएम एकनाथ शिंदे को ही सफाई देनी पड़ी है. ये मामला आगरा के किले में शिवाजी महाराज की कैद से जुड़ा हुआ है.

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (फोटो- पीटीआई) महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (फोटो- पीटीआई)
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:01 AM IST

महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ सीएम एकनाथ शिंदे की तुलना के बाद राज्य का राजनीतिक तापमान एक बार फिर चढ़ गया है. महाराज छत्रपति और सीएम शिंदे की तुलना महाराष्ट्र सरकार में पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने की है. मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा है कि एकनाथ शिंदे का उद्धव कैंप से अपने समर्थकों के साथ निकलकर बाहर आना ठीक वैसा ही है जैसे शिवाजी महाराज मुगल शासक औरंगजेब को आगरा किले में चकमा देकर उनके शिकंजे से आजाद हुए थे. 

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मंगल प्रभात लोढ़ा के इस बयान की विपक्ष ने तीखी आलोचना की है. इतिहास के पन्नों को पलटें तो ये साल 1666 था जब शिवाजी महाराष्ट्र से सैकड़ों किलोमीटर दूर आगरा के किले में मुगल शासक औरंगजेब की कैद में थे, इसी दौरान उन्होंने अपनी चालाकी, चतुराई और साहस दिखाई और इस कैद से निकलने में कामयाब हुए. 

कहा जाता है कि इस दौरान शिवाजी महाराज और उनके पुत्र संभाजी एक टोकरे में बैठकर आगरा किले से बाहर निकले थे. इस कैद से निकलने के बाद शिवाजी इतने शक्तिशाली हो गये थे कि उन्होंने कभी औरंगजेब और मुगल साम्राज्य को मराठा क्षेत्र में पनपने नहीं दिया. 

क्या कहा था मंत्री ने?

बता दें कि बुधवार 30 नवंबर को एक कार्यक्रम में मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा था कि जैसे स्वराज के लिए छत्रपति ने एक योजना बनाई और उस पर अमल कर औरंगजेब की कैद से भागने में कामयाब रहे उसी तरह सीएम शिंदे ने भी खतरा उठाया और उद्धव कैम्प से बाहर निकले.  

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जून में एकनाथ शिंदे ने की थी बगावत

बता दें कि इसी साल जून में एकनाथ शिंदे ने अपने 42 विधायकों के साथ सीएम उद्धव के खिलाफ बगावत की थी और कई दिनों में असम में डेरा डाले रखा था. आखिरकार इस बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव की अगुवाई वाली MVA सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. इस दल बदल की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है. 

अजित पवार ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया

NCP नेता अजित पावर ने इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला बताया है, उन्होंने कहा कि महान मराठा राजा की वीरता की तुलना एकनाथ शिंदे के कायरतापूर्ण कृत्य से करना गलत है. इसने महाराष्ट्र की जनता को नाराज कर दिया है और मतदाता बैलेट बॉक्स के माध्यम से इसका करारा जवाब देंगे. 

यहां तक की बीजेपी सांसद उदयन राजे भोसले ने भी इस बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि ऐसा कहने वाले मंगल प्रभात लोढ़ा का निश्चित रूप से दिमाग काम नहीं कर रहा होगा जो उन्होंने शिंदे की बगावत की तुलना शिवाजी महाराज के आगरा से बाहर निकलने के कारनामे से की है. शिवाजी महाराज की वीरता अतुलनीय है. 

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सीएम शिंदे ने दी सफाई 

इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद सीएम शिंदे ने सफाई दी. प्रतापगढ़ किले में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना किसी से नहीं हो सकती है. इसके बाद मंगल प्रताप लोढ़ा ने भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि मेरा इरादा मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना सीएम एकनाथ शिंदे से करना नहीं था.गुरिल्ला युद्ध और हमारे राजा के महान कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा हैं. रोजाना की जिंदगी में हम पूरी नेकनीयती से ऐसी चीजें कहते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने कोई तुलना की है. 

बता दें कि कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी की तुलना केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की थी. इस पर भी महाराष्ट्र की राजनीति में काफी विवाद हुआ था. 
 

 

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