
महाराष्ट्र में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के बाद बाबा सिद्दीकी भी कांग्रेस का साथ छोड़ेंगे. बाबा सिद्दीकी अगले हफ्ते एनसीपी (अजित पवार गुट) में शामिल होंगे. एनसीपी नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है. बुधवार रात बाबा सिद्दीकी और उनके विधायक बेटे जीशान ने अजित पवार से मुलाकात की थी. दोनों है कि पिता-पुत्र ने अजित के साथ अपनी अगली रणनीति पर बात की है. बाबा सिद्दीकी कांग्रेस के दिग्गज माने जाते हैं और बांद्रा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. माना जा रहा है कि बाबा सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासत गरमा सकती है.
इससे पहले दिसंबर में अजित पवार ने नवाब मलिक को अपने गुट में शामिल करने का फुलप्रूफ प्लान बना लिया था, लेकिन बीजेपी खासतौर पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की आपत्ति के बाद अजित गुट को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा था. नवाब मलिक कुछ महीने पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत पर जेल से बाहर निकले हैं. फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखा था और कहा था कि एनसीपी विधायक नवाब मलिक को अपने गुट में शामिल नहीं करें. फडणवीस का कहना था कि नवाब मलिक को अभी सिर्फ मेडिकल आधार पर जमानत मिली है, वे दोषमुक्त नहीं हुए हैं. ऐसे में उनका गठबंधन में रहना उचित नहीं होगा. हालांकि, उनसे हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. लेकिन हमारी स्पष्ट राय है कि जब उन पर ऐसे आरोप हैं तो उन्हें अपने गठबंधन का हिस्सा बनाना सही नहीं है. फडणवीस के विरोध के बाद अजित पवार ने अपना इरादा बदल दिया था.
'मुस्लिम चेहरे की तलाश पूरी करेंगे अजित?'
जानकारों का कहना है कि अजित गुट को अपनी पार्टी एनसीपी में मुंबई के लिए एक कद्दावर मुस्लिम चेहरे की जरूरत थी. नवाब मलिक की एंट्री नहीं हो पाने से अजित गुट ने नए चेहरे की तलाश जारी रखी और अब बाबा सिद्दीकी के रूप में यह तलाश पूरी हो सकती है. बाबा सिद्दीकी की अपने इलाके में जितनी जनता के बीच पकड़ है, उतनी ही बॉलीवुड के सितारे के बीच भी पैठ है. वे हर साल मुंबई में रमजान के मौके पर एक बड़ी इफ्तार पार्टी करते हैं और उसमें बॉलीवुड स्टार सलमान खान, शाहरुख खान समेत बड़ी हस्तियां शिरकत करती हैं. बाबा सिद्दीकी का बेटा जीशान इस समय मुंबई की बांद्रा सीट से विधायक हैं और मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं.
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'ईडी की रडार पर हैं बाबा सिद्दीकी'
बताते चलें कि बाबा सिद्दीकी 2017 से प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं. ईडी ने मई 2017 में कथित झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) घोटाले के संबंध में कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी और अन्य के विभिन्न ठिकानों पर तलाशी ली थी. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने 2018 में उनकी करीब 462 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी. ED के मुताबिक मुंबबई के बांद्रा स्थित जमात-ए-जम्हूरियत मलिन बस्ती के पुनर्वास परियोजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था. ED ने 108 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक्शन लिया था. ये मामला साल 2012 में मुंबई के एक स्थानीय थाने में दर्ज हुआ था. उसी मामले को आधार बनाते हुए ED ने ये मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी.
कौन हैं बाबा सिद्दीकी?
बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी वैसे तो बिहार के पटना के रहने वाले हैं, लेकिन पॉलिटिक्स में धमक मुंबई में मानी जाती है. वे पटना में भी इफ्तार पार्टी करते हैं. बाबा सिद्दीकी की बेटी अर्शिया सिद्दीकी डॉक्टर हैं. जबकि पत्नी शहजीन हाउस वाइफ हैं. बाबा सिद्दीकी को मुंबई में कांग्रेस का बड़ा नेता माना जाता है. बांद्रा पश्चिम सीट पर खासा दबदबा है. वे वहां से तीन बार विधायक चुने गए हैं. इसके अलावा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री भी रहे हैं. महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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2014 में बीजेपी उम्मीदवार से हार गए थे बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की. बाबा पहली बार मुंबई नागरिक निकाय में नगरसेवक के रूप में चुने गए. बाद में वे 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा सीट से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए. 2014 के विधानसभा चुनाव में बाबा को मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने हराया था.
पिता वॉच मेकर थे, काम में हाथ बंटाते थे बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी के पिता बांद्रा में वॉच मेकर का काम किया करते थे. बाबा भी उनके साथ काम में हाथ बंटाते थे. पढ़ाई के दौरान ही बाबा की राजनीति में रुचि जागी. उसके बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में ऐसी धमक बनाई कि मुंबई में बॉलीवुड के नामचीन सितारे भी बात नहीं टालते हैं. यहां तक कि सालों की दुश्मनी उनकी इफ्तार पार्टी में खत्म हो जाती है. सलमान-शाहरुख की किसी जमाने की अनबन जगजाहिर है. फिर 2014 में दोनों बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी में आते हैं और उनके बीच सुलह हो जाती है. बाबा सिद्दीकी दोनों सितारों को गले मिलवा देते हैं.
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