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कोरोना: दो घंटे में शादी, दफ्तर में 15% अटेंडेंस...जानिए महाराष्ट्र में क्या बदले नियम

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र में पाबंदियां और सख्त कर दी गई हैं. सूबे की उद्धव सरकार की तरफ से बुधवार को नए आदेश जारी किए गए. सख्ती भरा यह आदेश 22 अप्रैल रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक लागू रहेगा.नए आदेश के मुताबिक राज्य में सख्ती और बढ़ा दी गई है.

महाराष्ट्र सरकार ने नई पाबंदियों का ऐलान किया है. (फाइल फोटो) महाराष्ट्र सरकार ने नई पाबंदियों का ऐलान किया है. (फाइल फोटो)
सौरभ वक्तानिया
  • मुंबई,
  • 21 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST
  • बस में खड़े होकर सफर करने पर रोक
  • सरकारी दफ्तरों में 15 फीसदी अटेंडेंस
  • शादी में सिर्फ 25 लोगों के होने की अनुमति

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र में पाबंदियां और सख्त कर दी गई हैं. सूबे की उद्धव सरकार की तरफ से बुधवार को नए आदेश जारी किए गए. सख्ती भरा यह आदेश 22 अप्रैल रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक लागू रहेगा. नए आदेश के मुताबिक राज्य में सख्ती और बढ़ा दी गई है.

15 प्रतिशत अटेंडेंस, दो घंटे में शादी

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नए आदेश के मुताबिक राज्य में सरकारी दफ्तरों में सिर्फ 15 प्रतिशत स्टाफ ही मौजूद रहेगा. आपात स्थिति में इस नियम से छूट रहेगी. पहले दफ्तर में पचास फीसदी स्टाफ के रहने की अनुमति थी. इसके अलावा इस दौरान शादी की विधियां दो घंटे में समाप्त करनी होगी. दरअसल शादी समारोह के लिए सिर्फ दो घंटे के समय की अनुमति दी गई है. इस दौरान 25 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी पर भी मनाही है. इस नियम का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

बेवजह घर से निकलने पर 10 हजार का जुर्माना

सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक बेवजह घर से बाहर निकलने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. आपात स्थिति में जैसे किसी की तबीयत खराब और अन्य आपात स्थिति में ही घर से बाहर निकलने की इजाजत होगी.

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प्राइवेट पैसेंजर ट्रांसपोर्ट

एक जिले से दूसरे जिले या फिर एक शहर से दूसरे शहर में जाने की अनुमति आपात स्थिति में ही होगी. मसलन, किसी की मृत्यु या किसी के बीमार होने पर ही ऐसा करने की इजाजत होगी. बसें केवल इमरजेंसी सर्विस के लिए ही चलेंगी. इस दौरान बसें 50 कैपिसिटी पर ही चलेंगी. बस में खड़े होकर सफर करने पर भी मनाही है. इसके अलावा निजी बसें एक जिले से दूसरे जिले जाने पर पहले लोकल DMA को सूचना देना ज़रूरी होगा, साथ ही निजी बस वालों की ज़िम्मेदारी होगी कि दूसरे जिले जाने वालों के हाथ में 14 दिन क्वारंटीन का स्टैम्प मारा जाए.    

लोकल, मोनो रेल और मेट्रों में केवल इन्हें सफर की अनुमति

सख्त पाबंदियों के बीच लोकल, मोनो रेल और मेट्रों में केवल सरकारी कर्मचारियों को ही सफर करने की इजाजत होगी. सरकार की तरफ से जारी आइडेंटिटी कार्ड के आधार पर इन लोगों के लिए टिकट और पास जारी किए जाएंगे. डॉक्टरों, लैब टेक्निशियन, मेडिकल क्लीनिक स्टाफ और पैरामेडिक्स के लोगों को भी सफर की इजाजत की अनुमति होगी. संबंधित मेडिकल ऑर्गनाइजेशन की तरफ से जारी आईडी कार्ड  के आधार  पर इन लोगों को टिकट व पास दिया जाएगा.

मेडिकल ट्रीमेंट के लिए जाने वाले या दिव्यांग व उसके साथ मदद के लिए मौजूद शख्स को भी सफर की अनुमति होगी.  राज्य सरकार या लोकल प्रशासन की पब्लिक बसों पचास फीसदी क्षमता के साथ ही चलेगी. इस दौरान किसी को खड़े होकर सफर करने की अनुमति  नहीं होगी.

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