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शरद पवार गुट को मिला नया चुनाव चिह्न 'तुतारी', पार्टी बोली- हमारे लिए गर्व की बात

एनसीपी शरद पवार गुट को चुनाव आयोग की ओर से नया चुनाव चिह्न मिल गया है. नए सिंबल में एक व्यक्ति को तुरहा बजाते हुए देखा जा रहा है. मराठी भाषा में इसे 'तुतारी' कहा जाता है. वहीं आयोग की ओर से मिले नए सिंबल पर पार्टी की ओर से कहा गया है कि ये हमारे लिए गर्व की बात है. 

शरद पवार को मिला नया चुनाव चिह्न शरद पवार को मिला नया चुनाव चिह्न
पीयूष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:22 AM IST

लोकसभा चुनाव से पहले एनसीपी शरद पवार गुट को चुनाव आयोग की ओर से नया चुनाव चिह्न मिल गया है. नए सिंबल में एक व्यक्ति को तुरहा बजाते हुए देखा जा रहा है. मराठी भाषा में इसे 'तुतारी' कहा जाता है. वहीं आयोग की ओर से मिले नए सिंबल पर पार्टी की ओर से कहा गया है कि ये हमारे लिए गर्व की बात है. 

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पार्टी की ओर से कहा गया है, "महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिव राय का शौर्य आज 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद चंद्र पवार' के लिए गौरव का विषय है. महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ, यह 'तुतारी' शरद पवार के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है."

इससे पहले शरद गुट को चुनाव चिह्न के रूप में 'वटवृक्ष' मिला था, जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई थी. वीएचपी का कहना है कि वटवृक्ष उनके संगठन का रजिस्टर्ड सिंबल है.

एनसीपी नेता जितेंद्र अहवाड़ बोले- महाराष्ट्र की जनता को संदेश  

वहीं नए चुनाव चिह्न को लेकर शरद गुट के नेता जितेंद्र अहवाड़ ने कहा कि 84 साल के शरद पवार एक बार फिर रण में उतर आए हैं. उन्होंने लिखा, "ये महाराष्ट्र की जनता के मन में संकेत है. एनसीपी पार्टी (शरदचंद्र पवार) को चुनाव आयोग ने एक टारगेट दिया था और अगर वह "तुतारी" थी तो टारगेट क्या था! एक योद्धा को दी गई तुरही... इस योद्धा का नाम है शरद पवार! 84 साल के शरद पवार एक बार फिर रण में उतर आए हैं. यह सिग्नल एक अलग संदेश देता है. महाराष्ट्र युद्ध के लिए तैयार है. युद्ध अधर्म के खिलाफ है..और इस युद्ध का ढिंढोरा पीटने का काम चुनाव आयोग ने किया है."

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चुनाव आयोग ने अजित गुट को माना असली NCP 

चुनाव आयोग ने शरद गुट को झटका देते हुए अजित गुट को ही असली एनसीपी बताया था. आयोग ने कहा था कि सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए अजित गुट ही असली एनसीपी है. 

चुनाव आयोग ने फैसले में क्या कहा था? 

चुनाव आयोग ने शरद पवार बनाम अजित पवार गुट मामले में 147 पेजों का आदेश दिया था. आयोग ने सभी दस्तावेजी सबूतों का विश्लेषण कर कहा कि इससे स्पष्ट है कि अजित गुट का पार्टी और पार्टी के अलावा संगठन पर वर्चस्व है. उनके गुट के लोग ज्यादा भी हैं. इस वजह से पार्टी का नाम और निशान दोनों अजित गुट को दिए जाते हैं. 

कैसे हुई थी एनसीपी दो फाड़? 

पिछले साल अजित पवार ने बगावत करते हुए एनसीपी दो फाड़ कर दी थी. उन्होंने महाराष्ट्र में शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया था. अजित के साथ कई विधायक भी सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके बाद अजित पवार शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए. इसके बाद अजित ने पार्टी पर अधिकार का दावा किया था और अपने गुट को असली एनसीपी बताया था. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भी अजिट गुट को असली एनसीपी करार दे दिया था. इस फैसले को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वहीं अब चुनाव आयोग ने भी अजित गुट को ही असली एनसीपी बताते हुए शरद पवार को बड़ा झटका दिया है. 

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