
महाराष्ट्र के कथित फोन टैपिंग और संवेदनशील दस्तावेजों के लीक से संबंधित सीनियर आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर आवेदन को केंद्र ने खारिज करने की मांग की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुंबई की एस्प्लेनेड मजिस्ट्रेट कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से जो आवेदन दिया गया है, वो 'अस्पष्ट और अस्थिर' है, इसलिए उसे खारिज किया जाना चाहिए.
महाराष्ट्र के खुफिया विभाग से जरूरी दस्तावेजों के लीक के मामले में मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज FIR के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से कुछ सामग्री की मांग की थी. राज्य सरकार को जांच में पता चला है कि रश्मि शुक्ला ने इस मामले में तीन पेन ड्राइव बनाए थे, जिसमें से दो पेन ड्राइव को ट्रैक कर लिया गया है, जबकि तीसरी पेन ड्राइव महाराष्ट्र में नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दिया.
इसी साल मार्च में देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि उनके पास आईपीएस रश्मि शुक्ला की ओर से की गई कॉल रिकॉर्डिंग का सारा डेटा मौजूद है. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस विभाग में ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा था कि उनके पास ट्रांसफर रैकेट की सभी जानकारी और सबूत सीलबंद लिफाफे में केंद्रीय गृह सचिव को सौंप दिए हैं और सीबीआई जांच की मांग की है.
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तब से ही महाराष्ट्र सरकार उन दस्तावेजों और पेन ड्राइव को देने की केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांग कर रही है. राज्य सरकार ये पता लगाना चाहती है कि क्या ये वही पेन ड्राइव है, जिसमें लीक से जुड़े सबूत हैं.
क्योंकि महाराष्ट्र सरकार को गृह मंत्रालय से कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए उसने मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट में आवेदन दायर किया था. इस पर 13 अक्टूबर को कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव को अपना जवाब सौंपने के लिए समन जारी किया था. अपने जवाब में उन्होंने न सिर्फ इस आवेदन को अस्पष्ट और अस्थिर बताया, बल्कि ये भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार ये बताने में भी विफल रही है कि उसे कौन से दस्तावेज चाहिए.
केंद्रीय गृह सचिव की ओर से एडवोकेट श्रीराम शीरसथ पेश हुए थे. इस मामले में मजिस्ट्रेट सुधीर भाजीपाले ने अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया.