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रणवीर इलाहाबादिया और समय रैना के खिलाफ महाराष्ट्र में FIR दर्ज, महिला आयोग ने भी किया तलब

रणवीर इलाहाबादिया ने हाल ही में 'India's Got Latent' में विवादित टिप्पणी की थी. इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध हुआ, जिसके बाद इलाहाबादिया ने माफी भी मांगी. हालांकि उनके बयान पर आम लोगों से लेकर सांसदों तक ने आपत्ति जताई है. वहीं महिला आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया है.

रणवीर इलाहाबादिया और समय रैना के खिलाफ FIR दर्ज हुई है रणवीर इलाहाबादिया और समय रैना के खिलाफ FIR दर्ज हुई है
दिव्येश सिंह/श्रेया चटर्जी
  • मुंबई,
  • 11 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:37 AM IST

महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार को यूट्यूबर समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, आशीष चंचलानी, अपूर्व मुखीजा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन यूट्यूबरों द्वारा कॉमेडी शो इंडियाज गॉट लैटेंट पर की गई टिप्पणियों के बाद विवाद खड़ा हो गया है. इसके चलते कई शहरों में इनके खिलाफ केस दर्ज कराए जा रहे हैं. इस क्रम में महाराष्ट्र पुलिस की साइबर ब्रांच ने कॉमेडी शो के सभी एपिसोड की समीक्षा करने के बाद मामला दर्ज किया है.

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वहीं महिला आयोग ने रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना और अन्य को तलब किया है. सभी को 17 फरवरी को सुनवाई के लिए बुलाया गया है. यह सुनवाई नई दिल्ली स्थित एनसीडब्ल्यू कार्यालय में होगी.

महाराष्ट्र की खार पुलिस ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी का बयान दर्ज कर लिया है. समय रैना देश से बाहर हैं, उनसे संपर्क किया गया है. रणवीर इलाहाबादिया के मैनेजर से संपर्क किया गया है. वह कभी भी बयान के लिए पेश हो सकते हैं. खार पुलिस अभी भी पूछताछ कर रही है. पुलिस BookmyShow से भी संपर्क करेगी. पुलिस के मुताबिक शो पिछले साल 14 नवंबर को रिकॉर्ड किया गया था, यूट्यूब पर डाला गया और फिर किसी ने रविवार को इंस्टाग्राम पर डाल दिया, तब से यह वायरल हो गया.

दरअसल, रणवीर इलाहाबादिया ने हाल ही में 'India's Got Latent' में विवादित टिप्पणी की थी. इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध हुआ, जिसके बाद इलाहाबादिया ने माफी भी मांगी. हालांकि उनके बयान पर आम लोगों से लेकर सांसदों तक ने आपत्ति जताई है. वहीं महिला आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया है.

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बयान को लेकर दर्ज किया गया यह दूसरा मामला है. एक दिन पहले, असम पुलिस ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और कॉमेडियन समय रैना समेत अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर पर अश्लीलता को बढ़ावा देने और यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील चर्चा में शामिल होने के आरोप में मामला दर्ज किया था.

महाराष्ट्र पुलिस ने 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस ने कुछ आरोपियों को समन जारी किया है, जबकि अन्य को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. यह मामला सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से अश्लील सामग्री का प्रसारण) और भारतीय न्याय संहिता की अन्य संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.

सख्त गाइडलाइन की मांग

महिला आयोग ने अपने पत्र में बताया कि इस तरह की सामग्री 'महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम', 'भारतीय न्याय संहिता (BNS)', 'पॉक्सो अधिनियम' और 'आईटी अधिनियम' सहित कई कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करती है. आयोग ने कहा कि इस तरह की सामग्री महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को खतरे में डालती है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.

NCW ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से अनुरोध किया है कि OTT प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की जाए. आयोग ने कहा कि इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी जल्द से जल्द दी जाए ताकि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके.

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NCW अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और भलाई सुनिश्चित करना सबसे जरूरी है और इसे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

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