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Maharashtra Political Crisis: 'जो हो रहा है, उसके पीछे BJP नहीं है', पॉलिटिकल ड्रामा पर बोले महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष

महाराष्ट्र की ताजा राजनीति को लेकर राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि उद्धव ठाकरे की सरकार गिरेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे भाजपा का कोई हाथ नहीं है.

महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल. -फाइल फोटो महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल. -फाइल फोटो
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 22 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:28 AM IST
  • एकनाथ शिंदे एक कुशल मंत्री हैं: चंद्रकांत पाटिल
  • पाटिल बोले- मैंने हमेशा कहा है, ये सरकार गिरेगी

महाराष्ट्र पॉलिटिकल ड्रामा पर चंद्रकांत दादा पाटिल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि राज्य में जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे भारतीय जनता पार्टी का किसी तरह का हाथ नहीं है. पाटिल ने कहा कि पॉलिटिकल ड्रामा शुरू होने से पहले हम राज्य में होने वाले एमएलसी चुनाव की तैयारियों में जुटे थे. इसके बाद चुनाव खत्म होने पर हम जश्न में जुट गए. 

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महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने यह नाटक शुरू नहीं किया है, तो हमें कैसे पता चलेगा कि यह कब खत्म होगा और कौन खत्म करेगा? संजय राउत के संबंध में पूछे गए सवाल पर पाटिल ने कहा कि संजय राउत कुछ भी कहते हैं. राज्य के लोगों के लिए यह एक अजीब विषय बन गया है. 

एकनाथ शिंदे एक कुशल मंत्री हैं: चंद्रकांत पाटिल

पाटिल ने एकनाथ शिंदे के बारे में कहा कि वे बहुत कुशल मंत्री हैं. व्यक्तिगत रूप से मैंने उनके साथ काम किया है. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार में जो कुछ भी हो रहा है, मैं उससे अनजान हूं... मैं इस बात को लेकर खुश या फिर दुखी कैसे हो सकता हूं?

पाटिल बोले- मैंने हमेशा कहा है, ये सरकार गिरेगी

पाटिल ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि यह (उद्धव) सरकार गिरेगी और जो भी विकल्प सामने आएंगे हम उस पर सोचेंगे. उन्होंने कहा कि जब सरकार गिरेगी तब हम सोचेंगे, हमारे पास मास्टर मैन देवेंद्र फडणवीस हैं. किसी तरह का प्रस्ताव मिलने पर हम कुशलता से सोचेंगे. पाटिल ने ये भी कहा कि उनके (शिवसेना) पार्टी के कार्यकर्ता जानते हैं कि हमारे संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं. 

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पाटिल ने कहा कि बीजेपी को राज्यसभा और एमएलसी चुनावों के लिए निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों का समर्थन मिला. हमारी जानकारी के अनुसार, एकनाथ शिंदे और 35 विधायक चले गए हैं. इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है, लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार बनने में कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा, 'अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. अभी तक न तो भाजपा की ओर से और न ही एकनाथ शिंदे की ओर से सरकार गठन को लेकर कोई प्रस्ताव आया है लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है.

गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना 2019 तक सहयोगी हुआ करते थे, जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने के बाद दोनों मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर अलग हो गए. राजनीतिक गतिरोध और हाई-वोल्टेज ड्रामा के दिनों के बाद, शिवसेना ने आखिरकार कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई, जिसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं.

वहीं, महाराष्ट्र में भाजपा के प्रभारी सीटी रवि ने कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस में अशांति है. इस बारे में महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से सूरत के विधायकों के बारे में पूछें. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे एक सार्वजनिक नेता हैं, मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या है.

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बता दें कि महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए. शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए. बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं. 

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