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Maharashtra Political Crisis: क्या कुर्सी बचा पाएंगे उद्धव? कैबिनेट की बैठक आज, जानें अबतक के बड़े अपडेट्स

महाराष्ट्र में MLC चुनाव में हार के साथ ही शिवसेना में बगावत छिड़ गई है. शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे पार्टी के कई विधायकों के साथ बागी हो गए. वहीं प्रदेश में RS चुनाव के बाद MLC चुनाव में भी महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल दलों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे सीएम उद्धव ठाकरे के सामने सियासी संकट खड़ा हो गया है. 

MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उद्धव ठाकरे के विधायक हुए बागी (फाइल फोटो) MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उद्धव ठाकरे के विधायक हुए बागी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:17 AM IST
  • महाराष्ट्र में उद्धव के सामने सरकार बचाने का संकट
  • विधानसभा में बहुमत के लिए चाहिए 144 विधायक 

महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार को उस समय बड़ा मोड़ आ गया जब MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे पार्टी के कई विधायकों के साथ बागी हो गए. दावा किया गया कि उनके साथ शिवसेना के 33 विधायक हैं. हालांकि देर रात एक सूची सामने आई, जिसमें शिवसेना के 33 विधायकों और सात अन्य विधायकों के नाम शामिल थे. 

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वहीं दिनभर इस घटना को लेकर बैठकों का दौर चलता रहा है. उधर बागियों के साथ सूरत के एक होटल में ठहरे शिंदे से मिलने के लिए शिवसेना ने मिलिंद नार्वेकर और रवींद्र पाठक को भेजा. वहां करीब दो घंटे तक वार्ता चली. इस दौरान मिलिंद ने उद्धव ठाकरे से शिंदे की फोन पर बात करवाई. इस दौरान शिंदे ने उद्धव से कहा कि अगर वह बीजेपी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं तो पार्टी नहीं टूटेगी.इसके बाद शाम को उद्धव ठाकरे के घर पर महा विकास अघाड़ी की समन्वय बैठक हुई, जिसमें शामिल शिवसेना के सभी विधायकों को बैठक के बाद वर्ली के एक होटल में शिफ्ट कर दिया गया. उद्धव ठाकरे ने अब बुधवार को दोपहर एक बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है.  

उद्धव सरकार के दो और मंत्री पहुंचे सूरत

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उद्धव दिनभर विधायकों के साथ होने का दावा करते रहे वहीं मंगलवार देर रात उनकी सरकार में शामिल राज्य मंत्री बच्चू कडू और राजेंद्र पाटिल भी सूरत पहुंच गए. बता दें कि बच्चू की अपनी पार्टी है जिसे प्रहार कहा जाता है और येद्रावकर निर्दलीय विधायक हैं जो शिवसेना का समर्थन करते हैं.

मेरी बात सुनेंगे एकनाथ शिंदे: उद्धव

सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे विश्वास है कि वह मेरी बात सुनेंगे. सभी विधायक जल्द ही साथ होंगे. राकांपा-कांग्रेस हमारे साथ हैं. वहीं उन्होंने बताया कि शिंदे से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी शिवसेना और उसके कार्यकर्ताओं को परेशान कर रही है. उनका बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हो सकता है. 

MVA को समस्या से निकालेंगे: कांग्रेस

कांग्रेस ने भी मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई. बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी एचके पाटिल ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को इस समस्या से बाहर निकालने के लिए हम पूरी कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी का ऑपरेशन कमल ठीक नहीं है. हमारे विधायकों के मन में कोई शंका नहीं है कि यह सरकार चलेगी या नहीं.

महाराष्ट्र से जाने वाली है उद्धव सरकार: आठवले

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के राजनीति संकट को लेकर कहा कि महाराष्ट्र से उद्धव सरकार के जाने का समय आ चुका है. शिवसेना के लोग चाहते थे कि बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं इसलिए शिवसेना के बहुत सारे विधायकों ने उनके खिलाफ जाने का फैसला किया है.

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उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बहुत जल्द देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनने वाली है. एकनाथ शिंदे को साथ लेकर बीजेपी सरकार बना सकती है. 

बीजेपी ने हमारे विधायकों को किडनैप कर लिया: राउत

संजय राउत ने इंडिया टुडे से कहा कि गुजरात में उनके विधायकों की बीजेपी ने घेराबंदी कर ली है. वहां से कई विधायक आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें आने नहीं दिया जा रहा. मुझसे कई विधायकों ने संपर्क किया. उन्होंने बताया कि उनकी जान खतरे में है.

उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों की किडनैपिंग कर बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है या विधायक तोड़ने की कोशिश कर रही है. यही बीजेपी का ऑपरेशन लोटस है.    

कर्नाटक, एमपी में भी सरकार गिरा चुकी है बीजेपी

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश में अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार गिरा दी थी. यह पूरा ऑपरेशन गुजरात से चल रहा है. भाजपा लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती. अग्निवीरों की तरह सरकार के खिलाफ आम जनता भी उतरेगी. बीजेपी क्या कर रही है, यह भारत में सभी को पता है.  

महाराष्ट्र सरकार की तीनों पार्टियों में सही तालमेल: पवार

एनसीपी नेता शरद पवार ने ट्वीट कर कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र विधान परिषद के इलेक्शन में क्रॉस वोटिंग हुई, लेकिन पिछले 50 सालों में मैंने देखा है कि कई बार क्रॉस वोटिंग होने के बावजूद भी सरकार चली है. इसके बाद भी हमारे गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है.

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उन्होंने कहा कि यह सच बात है कि हमारी फ्रंट का एक उम्मीदवार नहीं जीत सका. इस पर चर्चा करेंगे. महाराष्ट्र सरकार की तीन सहयोगी पार्टीयों में सही तालमेल है.

सत्ता के लिए हम कभी धोखा नहीं करेंगे: शिंदे

बगावत के बाद एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा कि हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं. बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है. हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद साहेब ने हमें धोखा देना नहीं सिखाया है.

शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाया

बगावत के बाद शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद अजय चौधरी को विपक्ष का नेता चुन लिया गया. वहीं शिंदे ने अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई को लेकर उद्धव ठाकरे से नाराजगी भी जताई है. वहीं शिंदे को पद से हटाने वाली चिट्ठी भी सामने आई है, जिस पर शिवसेना के केवल 22 विधायकों के ही हस्ताक्षर दिखाई दे रहे हैं जबकि शिवसेना 35 विधायकों साथ होने का दावा कर रही है.

वहीं संजय राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि शिंदे का साथ देने वाले मंत्रियों से पद छीने जाएंगे. इसके साथ ही सभी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

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शिवसेना में हुई अब तक की सबसे बड़ी बगावत

शिवसेना में बगावत पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी कई बार पार्टी में बगावत हो चुकी है. 1990 में बागी होने पर 18 विधायक के साथ शिवसेना से छगन भुजबल बाहर निकल दिए गए थे. इसके बाद 2005 में भी ऐसा मौका आया. उस समय दावा किया गया कि नारायण राणे 40 विधायकों के साथ अलग होकर शिवसेना को बांटने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि उस समय वह कामयाब नहीं हो पाए थे. अब यह तीसरा मौका है जब शिवसेना में किसी बड़े नेता ने बगावत की हो.

तो दल-बदल कानून से नहीं बच पाएंगे बागी

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में शिंदे को मिलाकर कुल 33 विधायक बागी हुए हैं. इसमें दो निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. ये बागी विधायक दलबदल विरोधी कानून की जद में आ सकते हैं. दरअसल, शिवसेना के महाराष्ट्र में 55 विधायक हैं. इसका दो-तिहाई 36.6 बैठता है. नियम कहता है कि अगर किसी दल के दो तिहाई नेता सीधे किसी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो वह दल-बदल विरोधी कानून से बच सकते हैं.

अगर शिंदे के साथ 37 विधायक आ जाएं तो ही वे लोग दलबदल विरोधी कानून के दायरे से बाहर होंगे. बीजेपी चाहती है कि MVA सरकार को गिराया जाए. फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो. फिर राज्य में दोबारा चुनाव हों, जिसमें बीजेपी जीत दर्ज करे.

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विधानसभा में बहुमत का यह है आंकड़ा

महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए. शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए. बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं. 

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