
मुंबई के पब और बार से '100 करोड़ रुपये की वसूली' के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महाराष्ट्र सरकार पर फिर निशाना साधा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में बड़ी पोस्ट पर अफसरों की तैनाती में रिश्वतखोरी चलती है, इसका खुलासा करने वाली अफसर पर ही उद्धव सरकार ने कार्रवाई कर दी थी.
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा, 'गृह मंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान इंटेलिजेंस कमीशन द्वारा एक रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था. हमने अपर मुख्य सचिव गृह से उचित अनुमति के बाद कुछ कॉल इंटरसेप्ट किए गए जो कुछ बड़े नामों को उजागर करते हैं.'
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'सीओआई ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जो 25 अगस्त 20 को डीजी और एसीएस होम को सौंपी गई थी, इसमें गहन जांच शुरू करने की मांग की गई थी, सीएम (उद्धव ठाकरे) को गंभीरता के बारे में भी बताया गया और उन्होंने भी चिंता व्यक्त की, मेरे पास 6.3 जीबी कॉल का पूरा डेटा है.'
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'सीएम ने रिपोर्ट गृह मंत्री को भेजी, रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के बजाय इंटेलिजेंस की कमिश्नर रश्मि शुक्ला को कार्रवाई का सामना करना पड़ा, बड़े नामों का खुलासा करने पर उनको सम्मान नहीं दिया गया, साथ ही इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और इंटरसेप्शन में आरोपी लोगों को पदोन्नति मिली.'
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र पुलिस में हाई लेवल की पोस्ट के लिए पैसे दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह सचिव से समय मांगा है और आज मेरी उनसे मुलाकात होगी, मैं उनसे पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करूंगा.
फडणवीस के आरोप का नवाब मलिक ने दिया जवाब
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के आरोप पर कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि उन्होंने गलत जानकारी दी, अनिल देशमुख कहीं नहीं गए, इसलिए फडणवीस ने जो जानकारी दिखाई, वह सही नहीं है, 5-15 फरवरी तक देशमुख अस्पताल में थे. ट्रांसफर पोस्टिंग पर नवाब मलिक ने कहा कि ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा किया गया.
कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि अपर मुख्य सचिव होम, डीजीपी महाराष्ट्र और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बोर्ड में हैं. बोर्ड मंत्रालय को प्रस्ताव भेजता है, रिपोर्ट के अनुसार, संदीप भिसोई को सीपी नवी मुंबई बनाया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बिपिन कुमार सिंह ने सीपी पिंपरी के रूप में पोस्ट नहीं किया गया.
आईपीएस रश्मि शुक्ला पर नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि उन्होंने फोन टैप करने की अनुमति नहीं ली थी, वह बीजेपी एजेंट के रूप में काम कर रही थी, सरकार बनाने के दौरान वह फोन टैप कर रही थी, सचिन वाजे के ट्रांसफर से पहले परमबीर सिंह से उनकी (सचिन वाजे) तीन घंटे तक मुलाकात की, परमबीर सिंह टीआरपी के मामले में सुस्त पड़ रहे थे.