
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी तस्वीर तेजी से बदलती जा रही है. उद्धव ठाकरे अपनी ही पार्टी शिवसेना में कमजोर पड़ते दिख रहे हैं, वहीं बागी एकनाथ शिंदे का खेमा लगातार मजबूत हो रहा है. अब दावा किया जा रहा है कि शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से 37 विधायक एकनाथ शिंदे की तरफ हो गये हैं. अगर ऐसा है तो शिंदे कैंप पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा.
ताजा जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनको शिवसेना के कुल 42 विधायकों का समर्थन मिल जाएगा. शिंदे ने बोला है कि 13 विधायक (कुल 55 में से) छोड़कर सब उनकी तरफ आएंगे.
मैजिक फिगर तक पहुंचे शिंदे?
गुवाहाटी में मौजूद शिंदे कैंप लगातार मजबूत हो रहा है. सुबह ही शिवसेना के तीन और विधायक गुवाहाटी पहुंचे हैं. इसमें शिवसेना के दीपक केसकर, मंगेश कुडालकर और सदा सर्वांकर शामिल थे. इससे पहले चार विधायक रात को गुवाहाटी पहुंचे थे. इसमें दो विधायक निर्दलीय और दो शिवसेना के थे.
अब दावा किया जा रहा है कि शिंदे खेमे मैजिक फिगर 37 तक पहुंच गया है. मतलब शिवसेना के 55 विधायकों में से 37 शिंदे की तरफ हो गये हैं. अगर यह दावा यही है तो शिंदे खेमे के साथ शिवसेना के 37 विधायक हो जाते हैं. ऐसे में आंकड़ा दो तिहाई हो जाएगा, फिर शिंदे कैंप पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा.
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एकनाथ शिंदे का एक्शन प्लान क्या?
एकनाथ शिंदे दावा कर सकते हैं कि उनके साथ शिवसेना के दो तिहाई विधायक हैं. फिर वह राज्यपाल के पास जाकर संख्याबल दिखा सकते हैं. फिर राज्यपाल उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने को कह सकते हैं. मौजूदा राजनीतिक माहौल के हिसाब से ठाकरे इसमें विफल हो जाएंगे.
फिर एकनाथ शिंद खुद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. शिंदे कैंप पहले से बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर अड़ा है. शिंदे कैंप का दावा है कि NCP-कांग्रेस के साथ सरकार बनाकर उनको नुकसान हुआ है.
उद्धव ने छोड़ा सीएम आवास
बुधवार को दिनभर चली मीटिंग्स के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने देर शाम चौंकाने वाला फैसला लिया था. वह मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री (अपने घर) पहुंच गए.
इतना ही नहीं कल शाम फेसबुक पर महाराष्ट्र की आवाम से सीधा संवाद करते हुए ठाकरे ने इमोशनल कार्ड खेला और कहा कि अगर शिंदे और उनके साथी सामने आकर कह दें कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ दूं तो मैं सीएम पद और पार्टी अध्यक्ष का पद...दोनों ही छोड़ दूंगा. मगर इस दांव को चलने में शायद देर हो चुकी है.
इस बीच शिवसेना के बाकी विधायक सुबह साढ़े ग्यारह बजे मीटिंग करने वाले हैं. वहीं ग्यारह बजे एनसीपी के विधायकों की बैठक होने वाली है.