
महाराष्ट्र में शिवाजी पर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. राज्यसभा सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सांसद उदयनराजे भोसले द्वारा लगाए गए जय भवानी, जय शिवाजी के नारे को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा सदन की कार्यवाही से हटाने को लेकर राजनीतिक में विवाद खड़ा हो गया है. छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताते हुए शिवसेना और एनसीपी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही संभाजी राजे ब्रिगेड सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है.
शिवाजी महाराज के 17वें वंशज और बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने शपथ ग्रहण के दौरान 'जय भवानी, जय शिवाजी नारा' लागाया था. उनके यह नारा लगाते ही कुछ विपक्षी सदस्यों ने इस पर आपत्ति उठाई, जिसके बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए इन नारों को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्णय किया कि शपथ ग्रहण के साथ कोई और शब्द जोड़ा जाना संविधान सम्मत नहीं है.
ये भी पढ़ें: AIMIM सांसद को संजय राउत का जवाब, कहा- उकसाना बंद करें, अपनी समस्या बताएं.
जय शिवाजी का नारे को हटाने के घटनाक्रम को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. एक तरफ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर निशाना साधा जा रहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले को भी घेरने का प्रयास हो रहा है. शिवसेना सांसद संजय राऊत ने ट्वीट कर छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस बात पर प्रमाणपत्र जारी करेगा कि शिवाजी महाराज वंशज का दिल्ली में अपमान किया गया है. बीजेपी चुप है.
संजय राउत ने आजतक से बातचीत करते हुए उदयनराजे की चुप्पी पर सवाल उठाया. राउत ने कहा कि उन्हें लगता है कि शिवाजी महाराज का अपमान नहीं किया गया. हालांकि, एक बात साफ कर दूं कि शिवाजी सिर्फ उनके ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र और देश के हैं. जय भवानी, जय शिवाजी का नारा वंदे मातरम की तरह ही महत्वपूर्ण है. नायडू सही हैं जब नियमों और प्रथाओं के बारे में बात करते हैं, लेकिन कुछ नाम इससे परे हैं.
ये भी पढ़ें: शिवसेना विधायक की मांग- राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में उद्धव ठाकरे हों मुख्य अतिथि
शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भी शिवाजी महाराज को लेकर बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. एनसीपी उसके कार्यकर्ताओं ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को 'जय भवानी, जय शिवाजी' लिखे पोस्टकार्ड भेजने शुरू कर दिए हैं. एनसीपी ने 20 लाख पोस्टकार्ड उपराष्ट्रपति को भेजने का फैसला किया है.
उदयनराजे भोसले को हाल ही में बीजेपी से राज्यसभा का सदस्य चुना गया है. इससे पहले तक वो एनसीपी में हुआ करते थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनसीपी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. इसके बाद सातारा लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर भोसले उतरे थे, जिन्हें एनसीपी के श्रीनिवास पाटिल ने भारी मतों से हराया था. ऐसे में भाजपा ने उदयनराजे भोसले को राज्यसभा भेजा है.
हालांकि, उदयनराजे भोसले ने खुद साफ कर दिया है कि यह शिवाजी महाराज का अपमान कतई नहीं है. यदि ऐसा होता तो वे स्वयं त्यागपत्र दे देता. उन्होंने कहा कि मुझसे कहा गया कि निर्धारित शपथ में संविधान के अतरिक्त कुछ भी नहीं जोड़ सकता. शिवाजी महाराज के नाम पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. वहीं, वेंकैया नायडू ने भी ट्वीट कर कहा कि हमेशा छत्रपति शिवाजी महाराज के एक मजबूत और मुखर प्रशंसक और देवी भवानी के उपासक रहे. साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में सदस्यों को शपथ लेने के समय परम्परागत प्रथा के अनुसार कोई नारा नहीं दिया जाता. ऐसे में इसे अपमान नहीं कहा जाना चाहिए.