
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुए तिवेर डैम हादसे में अब तक 20 शव बरामद कर लिए गए हैं. अभी भी 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम का सर्च ऑपरेशन जारी है. बता दें, 2 जुलाई को मूसलाधार बारिश के कारण तिवेर डैम टूट गया था. इसकी चपेट में कई लोग आ गए थे, जिसमें 23 लापता हो गए थे. इनमें से 20 की लाश मिल गई है.
राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने घटनास्थल का दौरा किया और बांध की मरम्मत और हादसे में घर गंवाने वाले ग्रामीणों को आवास मुहैया कराने में तेजी से काम करने का भरोसा दिलाया. भारी बारिश के कारण तिवेर बांध स्तर से ऊपर बहने लगा और रात करीब 9.30 बजे यह टूट गया.
इसके बाद कम से कम सात गांवों में बाढ़ आ गई, भेंडेवाड़ी में दर्जनभर घर बह गए, जिनमें 14 परिवार रह रहे थे. जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित ये प्रभावित गांव दादर, अकले, रिकटोली, ओवाली, करकवने और नंदीवासे हैं. इन गांवों की कुल अनुमानित जनसंख्या लगभग 3,000 है. यह बांध साल 2000 में बना था और इसकी क्षमता 2,452 टीएमसी थी.
महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के मंत्री तानाजी सावंत ने अजीब तर्क देते हुए रत्नागिरी में बांध टूटने की घटना के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराया. घटना में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. जल संरक्षण मंत्री ने दावा किया कि तिवेर बांध में पिछले 15 सालों से पानी जमा हो रहा है लेकिन इसके पहले इसमें कोई दरार नहीं आई थी.