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Earthquake in Maharashtra: दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में हिली धरती, सतारा में लगे भूकंप के झटके

महाराष्ट्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. सोमवार देर रात आए इस भूकंप का केंद्र सतारा जिला था. इससे पहले रविवार देर रात दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे, जिसके बाद लोग अपने-अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए थे.

सतारा में भूकंप के झटके (सांकेतिक फोटो) सतारा में भूकंप के झटके (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:22 AM IST

दिल्ली-एनसीआर के बाद अब महाराष्ट्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. सोमवार की देर रात आए इस भूकंप का केंद्र सतारा जिला था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, महाराष्ट्र में आए इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.3 मैग्नीट्यूड मापी गई है. 

NCS के मुताबिक, महाराष्ट्र के सतारा जिले में सोमवार देर रात 11.36 बजे भूकंप के झटके लगे हैं, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.3 मैग्नीट्यूड मापी गई है. इसका केंद्र जमीन के अंदर पांच किलोमीटर गहराई में था. 

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इससे पहले रविवार देर शाम दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी. इसके अलावा हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था.  

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी. भूकंप के झटके शाम 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया गया. रविवार को छुट्टी होने की वजह से लोग अपने घरों में ही थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली, लोग बाहर की ओर भागे. 

क्यों आता है भूकंप? 

धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.  

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जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर:   

- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है. - 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है. 
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है. 
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं. 
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है. 
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. 

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