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विधायकों से बैठक में उद्धव ठाकरे ने बताया- क्यों छोड़ा BJP से 25 साल पुराना साथ

शुक्रवार शाम तक तीनों पार्टियां अपने गठबंधन का ऐलान कर सकती हैं. इस बीच आज शिवसेना विधायकों की बैठक हुई, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया कि आखिर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का साथ क्यों छोड़ा.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो: Getty) शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो: Getty)
साहिल जोशी
  • मुंबई,
  • 22 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

  • गठबंधन पर फाइनल मुहर से पहले शिवसेना की बैठक
  • उद्धव ठाकरे ने शिवसेना विधायकों को किया संबोधित
  • उद्धव ने बताया आखिर क्यों छोड़ा बीजेपी का साथ

महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई में कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनना तय हो गया है. शुक्रवार शाम तक तीनों पार्टियां अपने गठबंधन का ऐलान कर सकती हैं. इस बीच आज शिवसेना विधायकों की बैठक हुई, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया कि आखिर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का साथ क्यों छोड़ा.

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बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आपको समझना होगा कि हमने अपने पुराने दोस्त के साथ 25 साल पुराना साथ क्यों छोड़ा, वो हमसे झूठ बोल रहे थे. आप सभी ने देखा है कि उन्होंने पिछले सालों में क्या कहा है और क्या किया है.’

कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने को लेकर भी शिवसेना प्रमुख ने अपने विधायकों से बात की. उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अब हम एक नए गठबंधन के साथ जा रहे हैं, इसमें अभी आखिरी स्टेज चल रही है. जो आज शाम तक फाइनल हो जाएगा.’

हालांकि, इस दौरान उद्धव ठाकरे ने इस बारे में बात नहीं की कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं. हालांकि, विधायकों की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि उद्धव ठाकरे को ही मुख्यमंत्री पद संभालना चाहिए. जिसपर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि वह सही समय पर फैसला लेंगे.

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आज फाइनल हो जाएगा गठबंधन?

गौरतलब है कि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के बीच आज फाइनल राउंड की बैठक होनी है. जिसमें गठबंधन पर मुहर लग जाएगी और जल्द ही इसका ऐलान भी किया जाएगा. एनसीपी की तरफ से भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा और उद्धव को मुख्यमंत्री पद लेना चाहिए क्योंकि वह पार्टी का चेहरा हैं.

नए गठबंधन में मुख्यमंत्री पद तो शिवसेना के खाते में जा रहा है लेकिन कांग्रेस और एनसीपी को डिप्टी सीएम मिल सकता है. इसके अलावा अभी पार्टियां मंत्रालय पर मंथन कर रही हैं. बताया जा रहा है कि मंत्री पद के लिए 14-14-14 का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है.

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