
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है और कहा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के सहारे सरकार बनाने का दावा कर रही है. हालांकि एनसीपी ने अपना रुख साफ नहीं किया है और गेंद शिवसेना के पाले में डाल दी है.
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि शिवसेना अपनी भूमिका स्पष्ट करे, हम भी अपनी भूमिका साफ कर देंगे. नवाब मलिक ने ये भी कहा कि शिवसेना अगर कहती है कि उनका मुख्यमंत्री बनेगा तो यह बिल्कुल मुमकिन है. उन्होंने कहा कि फिलहाल जनता ने हमें विपक्ष में बैठने के लिए चुना है और हम उसके लिए तैयार हैं.
शिवसेना ने किया सरकार बनाने का दावा
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे पास बहुमत का आंकड़ा है. अभी हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है, जो 175 तक पहुंच सकता है. बता दें, शिवसेना के 56 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास 54 विधायक हैं, वहीं, निर्दलीय विधायकों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है. अगर ये सभी पार्टियां एकसाथ आती हैं तो ये आंकड़ा 170 के करीब पहुंचता है.
कोई अछूता नहीं
इससे पहले एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए कोई अछूता नहीं है. मलिक ने कहा कि अगर बीजेपी और शिवसेना सरकार नहीं बनाती हैं तो एनसीपी सरकार बनाने का तरीका ढूंढेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्यपाल शासन और बाकी विकल्पों की बात कर रही है, लेकिन चुनाव इसके लिए नहीं हुए थे. एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि कुछ भी संभव है. शिवसेना पर नरम रुख अपनाते हुए मलिक ने कहा कि शिवसेना ने काफी समय से अन्याय देखा है.
मलिक ने कहा कि शिवसेना शिवाजी की विचारधारा को मानती है और शिवाजी ने कभी भी हिंदू और मुस्लिमों के बीच भेदभाव नहीं किया तो ऐसे में अलग विचारधारा का सवाल ही नहीं है. मलिक ने ये भी साफ किया कि एनसीपी बीजेपी का कभी समर्थन नहीं करेगी.
फिलहाल मुंबई में एनसीपी मुख्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक हो रही है. ये बैठक सोमवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच होनी वाली मुलाकात से पहले हो रही है.