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महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. उद्धव ठाकरे पार्टी पर अधिकार को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने पार्टी के अधिकार पर स्पीकर के फैसले को गलत माना है और दावा किया कि शिवसेना पर असल अधिकार उनका ही है. याचिका में दावा किया गया है कि उद्धव गुट ही असली शिवसेना है. कोर्ट में खबर लिखे जाने तक मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय नहीं हुई है.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने हाल ही में कहा था कि 22 जून, 2022 को पार्टी के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुट उभरने पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है. स्पीकर ने शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों गुटों के किसी भी सदस्य को अयोग्य ठहराने से भी इनकार कर दिया था. उद्धव ठाकरे गुट ने स्पीकर से शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया था.
महाराष्ट्र स्पीकर ने फैसले में शिंदे गुट को दिया था 'शिवसेना'
10 जनवरी को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ऐलान किया था कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना होगी. पार्टी को बालासाहेब ठाकरे ने बनाया था और कथित रूप से आपसी मतभेद के बाद एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों को लेकर पार्टी से किनारा कर लिया था. इसके बाद उन्होंने शिवसेना पर भी दावा कर दिया और उद्धव ठाकरे को पार्टी से बेदखल करने की कोशिश की थी. बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और वह अभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं.
चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' पर माना था शिंदे गुट का अधिकार
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने माना कि बगावत के समय एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी के 54 विधायकों में 37 विधायकों का समर्थन था. बीते साल चुनाव आयोग ने अपने एक फैसले में पार्टी के नाम और चिन्ह पर शिंदे गुट का अधिकार माना था. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में उद्धव ठाकरे ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट का अपमान माना है और कहा कि स्पीकर कोर्ट के फैसले को नहीं समझ सके. उनका कहना है कि यह मामला विधायकों की अयोग्यता का था लेकिन उन्होंने अपने हिसाब से फैसले सुनाया.