
महायुति के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को फंसाने की कथित साजिश की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है. यह मामला उस वक्त का है, जब सूबे में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) सत्ता में थी.
यह कार्रवाई बीजेपी नेता प्रवीण दारकेकर द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद की गई, जिन्होंने दावा किया कि उनके पास ऑडियो रिकॉर्डिंग सहित सबूत हैं, जो फडणवीस और शिंदे को गलत तरीके से फंसाने की साजिश को साबित करते हैं. ये आरोप दिसंबर 2024 में शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में सामने आए थे. इस मामले में पिछले साल अगस्त में ठाणे पुलिस के द्वारा FIR दर्ज की गई थी.
SIT में कौन से अधिकारी शामिल हैं?
नवंबर 2019 से जून 2022 तक एमवीए शासन के दौरान, मौजूदा मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया, जबकि एकनाथ शिंदे शहरी विकास मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा थे. इसके बाद शिंदे ने जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया और एमवीए सरकार को गिराकर मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद फडणवीस को शिंदे का डिप्टी नियुक्त किया गया.
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र गृह विभाग द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव (GR) के मुताबिक, एमवीए शासन द्वारा कथित साजिश की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी करेंगे.
चार सदस्यीय टीम में राज्य रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक राजीव जैन, मुंबई पुलिस के उपायुक्त नवनाथ धवले और सहायक आयुक्त आदिकराव पोल भी शामिल हैं. एजेंसी के मुताबिक, SIT को 30 दिनों के अंदर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
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मुख्यमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल में फडणवीस ने पिछली महाराष्ट्र सरकार पर लगातार राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है. पिछले साल नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की शानदार जीत के बाद फडणवीस ने मुख्यमंत्री की भूमिका संभाली, जबकि शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार उनके उप-मुख्यमंत्री बने.