
महाराष्ट्र विधान भवन में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए शनिवार को सर्वदलीय बैठक हुई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बैठक की अध्यक्षता की. इसमें सभी दलों के नेताओं ने मराठा आरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर भी चर्चा की गई. बैकवर्ड कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा सत्र की बैठक आयोजित की जा सकती है.
सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, आज की मीटिंग में हमने फैसला लिया है कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए तत्काल कार्यवाही करेगी और इस पर विपक्ष भी हमारी मदद करने के लिए तैयार हो गया है. हम सभी से अनुरोध करते हैं कि आरक्षण के लिए हिंसा का रास्ता न चुनें. हमें राज्य में शांति बनाए रखनी चाहिए.
फडणवीस ने कहा, हमने बैकवर्ड कमीशन से जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट जमा करने का अनुरोध किया है, ताकि सरकार मराठा के मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा के विशेष सत्र को बुला सके. साथ ही हमने वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं.
बता दें कि सूबे में मराठा आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला लिया था.
कैबिनेट मंत्री विनोद तावड़े के आवास पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीजेपी मंत्रिगण चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, सुभाष देशमुख और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख रावसाहब दानवे समेत कई अन्य नेता उपस्थित रहे.
वहीं, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष दानवे ने कहा कि राज्य की सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए उसने इस आशय का एक अध्यादेश पारित किया है. उन्होंने बताया कि अदालत ने सरकार के इस फैसले को लागू करने पर रोक लगा दी है. अब सरकार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट अदालत में पेश करेगी और अपील करेगी कि वह इस मुद्दे पर जल्द फैसला ले.
मराठा आरक्षण को लेकर 5 विधायकों का इस्तीफा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक महाराष्ट्र के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि भरत भाल्के (कांग्रेस), राहुल अहेर (बीजेपी) और दत्तात्रेय भारणे (राकांपा) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है.
इससे पहले हर्षवर्धन जाधव (शिवसेना) और भाऊसाहब पाटिल चिकटगांवकर (राकांपा) ने आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने की पेशकश की थी. जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. चिकटगांवकर ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल के जरिए भेज दिया.
मैं मराठा आरक्षण पर निर्णय में देरी नहीं करती : पंकजा मुंडे
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर निशाना साधते हुए उनकी कैबिनेट सहयोगी पंकजा मुंडे ने कहा है कि यदि वह प्रभारी होती तो वह निर्णय लेने में विलंब नहीं करतीं.
गुरुवार को मुंडे ने बीड जिले के पारली में मराठा प्रदर्शनकारियों से कहा, 'मराठा आरक्षण की फाइल यदि मेरी मेज पर होती, मैं उसे एक पल के लिए भी विलंबित नहीं करती. इस मुद्दे पर इसलिए देरी हो रही है क्योंकि यह उच्च न्यायालय में लंबित है.' बीजेपी नेता एवं ग्रामीण विकास मंत्री मुंडे ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह उन्हें सुनने के लिए आयी हैं और वह उन्हें कोई समझौता करने के लिए नहीं कहेंगी.