Advertisement

महाराष्ट्र में शौचालय घोटाला, खुले में शौच मुक्त घोषित हुए इस गांव से गायब 112 टॉयलेट

महाराष्ट्र के चंद्रपुर का पाटण गांव में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाते हुए आदिवासी गांव वालों को ठगा गया और कागजों पर शौचालय बना कर लाखों की लूट को अंजाम दिया गया.

कागजों में तैयार हो गए शौचालय कागजों में तैयार हो गए शौचालय
सुरभि गुप्ता/पंकज खेळकर
  • चंद्रपुर ,
  • 02 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

स्वच्छ भारत अभियान  के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. सरकारी दस्तावजों के मुताबिक महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में पाटण गांव के सभी घरों में 112 शौचालय बनाए गए और गांव को खुले में शौच मुक्त घोषित कर स्मार्ट ग्राम का पुरस्कार भी दिया गया, पर गांव के सभी शौचालय गायब हो गए हैं.

कागज पर बन गए शौचालय

Advertisement

महाराष्ट्र के चंद्रपुर का पाटण गांव में स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाते हुए आदिवासी गांव वालों को ठगा गया और कागजों पर शौचालय बना कर लाखों की लूट को अंजाम दिया गया. ग्राम पंचायत के सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक गांव के सभी घरों में शौचालय बनाए जाने की जानकारी दर्ज कर शौचालय बनाने के लिए मिली अनुदान की रकम हड़पने का मामला सामने आया है.

महिलाओं ने की शौचालय बनाने की मांग

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब गांव की महिलाएं ग्राम पंचायत के कार्यालय जाकर शौचालय बनाने की मांग करने लगीं, पर वहां पता चला कि इनके घरों में पहले से ही शौचालय बना दिए गए हैं और इन्हें मिलने वाली अनुदानित राशि भी दे दी गई है. गांव वालों के मुताबिक ना ही उनके घरों में शौचालय बने हैं और ना ही कोई अनुदानित राशि मिली है.

Advertisement

शौचालय के नाम पर सिर्फ गड्ढे खोदे गए

जब 'आज तक' की टीम इस गांव में पहुंची तो देखा कि गांव वालों के घरों में शौचालय के लिए सिर्फ गड्ढे खोद के रखे हैं और वह भी पिछले तीन साल पहले, उसके बाद ना तो कोई शौचालय बना और ना ही कोई अनुदानित राशि मिली. गांव के लोग आज भी शौच के लिए बाहर ही जाते हैं. गांव में ऐसे कुल 112 घर हैं, जिनके नाम ग्राम पंचायत में दर्ज हैं और जिन्हें शौचालय बना कर दिया गया. गांव वालों ने अपने साथ हुए धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस में कर दी है.

स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां

महज कागजों पर बने शौचालयों से स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और महाराष्ट्र सरकार ऐसे गावों को बिना जांच के स्मार्ट ग्राम का पुरस्कार भी दे रही है. अभी सिर्फ एक गांव का मामला सामने आया है, पर ऐसे और कितने गांव होंगे पता नहीं. आज भी इस गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं, इसीलिए जल्द से जल्द शौचालय की मांग कर रहे हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement