
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया है कि शिवसेना सांसद और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने उन्हें मारने के लिए ठाणे से कॉन्ट्रैक्ट किलर को सुपारी दी थी. राउत ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया. पत्र में राउत ने दावा किया कि हाल ही में कई निर्वाचित प्रतिनिधियों पर हमले हुए हैं और ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
राउत ने दावा किया कि राज्य में सरकार बदलने के बाद उनकी सुरक्षा हटा ली गई थी. यह कहते हुए कि उन्हें इस तरह के राजनीतिक फैसले के बारे में कोई शिकायत नहीं है, राउत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार महाराष्ट्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेगी.
राउत ने दिया था '2 हजार करोड़ के लेन-देन' वाला विवादित बयान
बता दें कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट को पार्टी का नाम 'शिवसेना' और 'धनुष और तीर' चिन्ह आवंटित होने के बाद, राउत ने दावा किया था कि पार्टी के नाम और चिन्ह को "खरीदने" के लिए "2,000 करोड़ रुपये का सौदा" किया गया था. इस विवादित बयान को लेकर संजय राउत के खिलाफ नासिक के पंचवटी थाने में मामला भी दर्ज हुआ है.
'झूठ बोलकर सहानुभूति नहीं मिलेगी'
वहीं राउत के पत्र के जवाब में फडणवीस ने कहा, "राउत ने मुझे ऐसा पत्र क्यों लिखा है? सुरक्षा पाने के लिए या सनसनी पैदा करने के लिए? हर दिन झूठ बोलकर उन्हें सहानुभूति नहीं मिलेगी. बिना सबूत के आरोप लगाना गलत है." "
मेरी जान को खतरा.., अशोक चव्हाण का दावा
इधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक अशोक चव्हाण ने नांदेड़ पुलिस को एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी जासूसी की जा रही है और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. सोमवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार को दी गई शिकायत में चव्हाण ने आरोप लगाया कि उनके लेटरहेड और जाली हस्ताक्षर के साथ एक पत्र सर्कुलेट किया गया था जिसमें कहा गया था कि वह मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के खिलाफ हैं.
चव्हाण ने कहा, "ऐसा पत्र मैंने कभी नहीं लिखा. इसमें कहा गया है कि मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए. जबकि मैं हमेशा मराठा समुदाय को आरक्षण देने के पक्ष में रहा हूं. यह एक फर्जी पत्र है. इसका इस्तेमाल मुझे राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए किया जा रहा है. मैं मराठा कैबिनेट उप-समिति का नेता था. आरक्षण प्राप्त करने में मेरी भूमिका थी. इस पत्र का उद्देश्य असामाजिक तत्वों को मेरे खिलाफ भड़काना है." मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मुंबई पुलिस महानिदेशक ने मामले में चव्हाण को कार्रवाई का आश्वासन दिया है.